आतंकी कैंप को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने वाला मिराज-2000 जेट, जानें इसके बारे में

  • Follow Newsd Hindi On  
जानिए आतंकवादी कैंप पूरी तरह नेस्तनाबूद करने वाले मिरज-2000 के बारे में

पुलवामा हमले के ठीक 12 दिन बाद भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने सीमा पार कर एलओसी पर आतंकवादी ढांचों पर तड़के भारी बमबारी की जिसमें कई आतंकवादी कैंप पूरी तरह नेस्तनाबूद हो गये। सूत्रों के अनुसार वायुसेना के 10 से 12 मिराज लड़ाकू विमानों ने तड़के साढ़े तीन बजे मुजफ्फराबाद, बालाकोट और चकोटी जैसे क्षेत्रों में भारी बमबारी की जिसमें पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कई कैंप पूरी तरह जमींदोज हो गये। इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में आतंकवादियों के मारे जाने की भी बात कही जा रही है।

पहले जानते हैं, कैसे किया मिराज-2000 ने अटैक

ग्वालियर से 12 फाइटर जेट ने उड़ान भरी। GBU-12 लेजर गाइडेड अमेरिकी बम और फ्रांसिसी मैत्रा मैजिक मिसाइल से जेट को लैस किया गया। लेजर गाइडेड बम 450 से 225 किलो के थे। साथ ही भटिंडा से नेत्र एयरबॉर्न वार्निंग जेट ने उड़ान भरी। फ्लाइट में इंधन भरने वाले जहाज ILYUSHIN-78M आगरा से रवाना हुआ। HERON ड्रोन ने एलओसी पर सर्विलांस का काम किया।


आतंकी कैंप को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने वाला मिराज-2000 जेट, जानें इसके बारे में

कहां हुआ मिराज-2000 का निर्माण

पहली बार 1970 में उड़ान भरने वाला मिराज 2000 फ्रेंच मल्टीरोल, सिंगल इंजन चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है। ये फाइटर जेट विभिन्न देशों में सेवा दे रहा है। इस विमान को विभिन्न वेरिएंट के रूप में विकसित किया गया है। बाद में इस जेट का मिराज-2000 एन और मिराज- 2000 डी स्क्राइक वेरिएंट भी जारी किया गया। विमान में समय समय पर विभिन्न बदलाव किए गए हैं। मिराज-2000 विमान फ्रांस की कंपनी डसाल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया है। यह वही कंपनी है जिसने राफेल को बनाया है जिसे लेकर भारतीय राजनीति आज भी गर्माई हुई है। मिराज-2000 चौथी जेनरेशन का मल्टीरोल, सिंगल इंजन लड़ाकू विमान है। इसकी पहली उड़ान साल 1970 में आयोजित की गई थी। यह फाइटर प्लेन अभी लगभग नौ देशो में अपनी सेवाएं दे रहा है।

आतंकी कैंप को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने वाला मिराज-2000 जेट, जानें इसके बारे में


कैसे करता है मिराज-2000 काम

विमान का स्पेक्ट्रा सिस्टम काफी पूरी तरह स्वचालित है यानी खुद से काम करता है। विमान की कुल कीमत का 30 फीसदी इसके सिक्यॉरिटी सिस्टम की लागत है। जहां दूसरे विमानों के टेकऑफ और लैंडिंग के लिए लम्बा रनवे चाहिए होता है, वहीं मिराज-2000 के लिए 400 मीटर या उससे भी कम लंबा रनवे चाहिए।

आतंकी कैंप को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने वाला मिराज-2000 जेट, जानें इसके बारे में

मिराज-2000 के की एक कमी है कि इसकी स्कैनिंग रेंज 145 किलोमीटर है जो दूसरे किसी लड़ाकू विमानों की तुलना में कम है। मिराज एक साथ दो लक्ष्यों को निशाना बना सकता है. इसके अलावा दुश्मन इसके रेडार को जाम नहीं कर सकता है। मिराज-2000 के कई फंक्शन को वॉइस कमांड्स यानी आवाज देकर नियंत्रित किया जा सकता है।


भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया : पाकिस्तान

भारत ने लिया पुलवामा का बदला, सरकार का बयान- बड़ी संख्या में जैश के आतंकी और ट्रेनर ढेर

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)