मोदी सरकार को सत्ता में वापसी के साथ ही चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सांख्यिकी मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 में भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर 6.1% हो गई। आपको याद दिला दें कि बेरोजगारी से जुड़ा यही आंकड़ा कुछ महीने पहले एक अखबार में लीक हुआ था। इसमें कहा गया था कि बेरोजगारी के ये आंकड़े भयावह हैं और 1972-73 के बाद से सबसे अधिक थे।
इसके बाद मोदी सरकार ने संसद को बताया था कि उसके पास नोटबंदी से छोटे व्यवसायों में नौकरियों पर पड़ने वाले प्रभाव का डेटा नहीं है। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के पीसी मोहनन ने नौकरियों के डेटा के सार्वजानिक नहीं करने पर नाराजगी जताई थी। ये डेटा दिसंबर में रिलीज़ किये जाने थे, लेकिन सार्वजानिक नहीं किये गए थे।
बेरोजगारी के आंकड़े को जारी करने को लेकर राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग विवाद के घेरे में आ गया था और इसके कार्यवाहक अध्यक्ष समेत दो सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था। इसके एक दिन बाद मार्च, 2019 में यह डेटा लीक हुई थी।