GDP के ताजा आंकड़ों ने सरकार की परेशानी एक बार फिर बढ़ा दी है। मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है। दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियल डॉलर इकोनॉकी के लक्ष्य को आज बड़ा झटका लगा है। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर तिमाही) में जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है। एक साल पहले यह 7 प्रतिशत थी जबकि पिछली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी। इसके अलावा, अक्टूबर महीने में 8 कोर सेक्टरों का औद्योगिक ग्रोथ 5.8 प्रतिशत रही है।
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राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर भी बुरी खबर
राजकोषीय घाटा के मोर्चे पर भी बुरी खबर है। 2018-19 के पहले 7 महीनों यानी अप्रैल से अक्टूबर के बीच ही राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष के लक्ष्य से ज्यादा हो गया है। पहले 7 महीनों में राजकोषीय घाटा 7.2 ट्रिलियन रुपये (100.32 अरब डॉलर) रहा जो बजट में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए रखे टारगेट का 102.4 प्रतिशत है।
सरकार की तरफ से शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में सरकार को 6.83 ट्रिलियन रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि खर्च 16.55 ट्रिलियन रुपये रहा।
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