पिछले तीन महीने से ठप पड़े ट्रेनों के संचालन के फिलहाल सामान्य होने की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने 14 अप्रैल को या उससे पहले बुक किए गए सभी रेग्युलर टाइमटेबल वाली ट्रेनों के रेल टिकटों (Train Tickets) को कैंसिल कर दिया है।
हालांकि यात्रियों को फुल रिफंड दिया जाएगा। रेलवे के इस फ़ैसले से साफ है कि सामान्य यात्री ट्रेनों के शुरू होने में अभी और वक़्त लगेगा। रेलवे के आरक्षण नियमों के अनुसार जो यात्री यात्रा करने के इच्छुक हैं, वे सभी वर्गों और सभी ट्रेनों के लिए 120 दिन पहले तक टिकट बुक कर सकते हैं।
अग्रिम आरक्षण (एआरपी) की अवधि ट्रेन (Train) के प्रस्थान के दिन से होती है। लेकिन रेलवे बोर्ड ने 22 जून को एक आदेश में कहा “यह तय किया गया है कि रेगुलर टाइम पर चलने वाली ट्रेनों के लिए 14 अप्रैल को या उससे पहले बुक की गई सभी ट्रेन टिकटों को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
इस नए आदेश के अनुसार जिन लोगों ने अगस्त मध्य तक यात्रा करने के लिए टिकट बुक किये हैं वह अब स्वतः रद्द हो जायेंगे और बुक किए गए टिकटों का रिफंड मिलेगा। इससे पहले 14 मई को,रेलवे ने 30 जून तक की यात्रा के लिए बुक किए गए सभी नियमित ट्रेन टिकटों को रद्द कर दिया था और पूर्ण रिफंड वापसी फैसला किया था।
वर्तमान में भारतीय रेलवे 12 मई से 15 जोड़ी स्पेशल एसी ट्रेनों का परिचालन कर रही है और 1 जून से 200 स्पेशल ट्रेनें चला रही हैं। IRCTC के अनुसार, भारतीय रेलवे द्वारा सिस्टम में ट्रेन को रद्द करने के बाद ऑटोमेटिक फुल रिफंड शुरू की जाएगी। भारतीय रेलवे तात्कालिक यात्रा के लिए अपनी 230 IRCTC स्पेशल ट्रेनों को निर्दिष्ट मार्गों पर चलाना जारी रखेगा।
कोरोना के प्रसार के मद्देनजर, रेलवे ने 15 अप्रैल से नियमित ट्रेन सेवाओं के लिए एडवांस रिजर्वेशन को निलंबित कर दिया था। लॉकडाउन शुरू होने पर, 25 मार्च से राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर की सभी नियमित ट्रेन सेवाओं को रद्द कर दिया गया है। रेलवे ने फंसे हुए प्रवासी कामगारों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के परिवहन के लिए 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया है।