कोरोना वायरस महामारी के चलते देश में लगभग दो महीने का लॉकडाउन लागू रहा। इस दौरान घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बंद रहीं। अब धीरे-धीरे देश अनलॉक-1 में प्रवेश कर चुका है तो घरेलू विमान सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। हालाँकि, इंटरनेशनल विमान सेवाएं अभी जारी नहीं हुई हैं। लेकिन विदेशों में फंसे भारतीय लोगों की वतन वापसी के लिए भारत सरकार ने ‘वंदे भारत मिशन’ शुरू किया। सात मई को शुरू हुए वंदे भारत मिशन के तहत ढाई लाख से अधिक लोग लौट चुके हैं जबकि दो लाख से अधिक लोगों को लाया जाना बाकी है। इनमें ताइवान में फंसे सैकड़ों भारतीय स्टूडेंट्स भी शामिल हैं और लगातार सरकार से स्वदेश वापसी के लिए विमान उपलब्ध कराने की गुहार लगा रहे हैं।
देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों के सैकड़ों छात्र ताइवान में फंसे हुए हैं और उनके पास लौटने का कोई रास्ता नहीं है। कई स्टूडेंट्स लगातार ट्विटर पर भारत के विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्री को टैग कर वतन वापसी कराने की अपील कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने ताइवान में भारतीय दूतावास भारतीय ताइपे एसोसिएशन से भी कई बार संपर्क करने की कोशिश की है, लेकिन उन्हें अब तक संतोषजनक प्रतिक्रिया या आश्वासन नहीं मिल पाया है। यहाँ तक कि छात्रों ने चार्टर्ड फ्लाइट का किराया भरने का प्रस्ताव देकर दूतावास से इसे चलाए जाने की अनुमति मांगी।
@narendramodi @PMOIndia @DrSJaishankar @MEAIndia @MoCA_GoI @HardeepSPuri @airindiain
Respected Sir!
We are around 100+ #IndianNationals who are #stranded in #Taiwan since the #lockdown.
some of us are #students, #intern, #patients, #Travelers and more. we need your #help.— Indians Stranded In Taiwan (@IndiansInTaiwan) June 10, 2020
जितेंद्र सिंह नाम के एक छात्र ने न्यूज्ड से बातचीत में बताया कि उनके जैसे कई छात्र-छात्रा ऐसे हैं जो शॉर्ट टर्म कोर्स के लिए स्टूडेंट वीजा पर ताइवान गए थे। करीब डेढ़ महीने पहले उनका कोर्स भी समाप्त हो चुका है। लेकिन इस बीच कोरोना लॉकडाउन के कारण वो वापस नहीं आ सके। उन्होंने बताया कि छात्रों का वीजा एक्सटेंड कर दिया गया है। वहीं संस्थानों ने छात्रों से अपना हॉस्टल खाली करने को कह दिया तो मजबूरन उन्हें होटल में रहना पड़ रहा है। चूँकि ताइवान में रहना-खाना भारत से महंगा है तो इनमें कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो लंबे समय तक होटल में रहने में समर्थ नहीं हैं।
Video by @jitenderkhalsa to @PMOIndia @narendramodi @AmitShah @DrSJaishankar @HardeepSPuri @MoCA_GoI
Please listen to our prayers ?
Help us , please rescue us. pic.twitter.com/DdhaW0E7DV— Indians Stranded In Taiwan (@IndiansInTaiwan) June 15, 2020
ताइवान में फंसे इन स्टूडेंट्स में कुछ ने वीडियो बनाकर ट्विटर पर डाला है और संबंधित एजेंसियों से मदद करने की अपील की है। छत्तीसगढ़ के एक व्यक्ति भीष्म कुमार देवांगन एक बिजनेस मीटिंग के लिए मार्च में ताइवान गए थे। इस बीच भारत में लॉकडाउन लागू हो गया और ये तबसे वहां फंसे हैं। एक वीडियो में उन्होंने अपना दुखड़ा सुनाया है।
(2/2) pic.twitter.com/wFNageVdkv
— Indians Stranded In Taiwan (@IndiansInTaiwan) June 15, 2020
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार गुप्ता ने छात्रों की अपील पर विदेश मंत्री एस जयशंकर को चिट्ठी भी लिखी है। हालाँकि, छात्रों को अब तक विदेश मंत्रालय या नागरिक उड्डयन मंत्रालय से किसी प्रकार का कोई आश्वासन नहीं मिला है। न्यूज्ड ने भी ताइवान में भारतीय दूतावास से इस सिलसिले में संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
बता दें कि वंदे भारत मिशन के तहत तीन फेज में अब तक दो लाख 50 हजार 87 लोग आ चुके हैं जिनमें से 21 प्रतिशत प्रवासी कामगार हैं। 75 हजार से अधिक लोग नेपाल, भूटान और बंगलादेश की सड़क मार्ग पर स्थित आव्रजन चौकियों के माध्यम से लौटे हैं। चार्टर्ड विमानों से भी 57 हजार से अधिक भारतीय लौटें हैं।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे साढ़े चार लाख से अधिक भारतीयों ने बाध्यकारी कारणों के आधार पर स्वदेश लौटने के लिए पंजीकरण कराया है। जिनमें से ढाई लाख आ चुके हैं।