मध्य प्रदेश के इंदौर में एक इलाके में पिछले दिनों कोरोना वायरस के संदिग्धों की जांच करने गई मेडिकल टीम पर पथराव हुआ था। किसी तरह दो महिला डॉक्टर्स जान बचाकर वहां से भागी थीं। मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर काफी हंगामा मचा था। स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वाले पत्थरबाजों की मलामत हुई। यह घटना इंदौर शहर के मुस्लिम बहुल इलाके में हुआ था। अब इस इंदौर के कई मुस्लिम संगठनों ने घटना की निंदा करते हुए अखबार में विज्ञापन देकर माफी मांगी है।
इस विज्ञापन में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कोरोना महामारी की जांच के लिए गई टीम पर हमले की घटना पर किसी भी तरह का अल्फाज नहीं होने की बात कही है। विज्ञापन में ये भी लिखा है कि यह अप्रिय घटना जाने अनजाने में अफवाहों के कारण हुई। साथ ही इस तरह की घटना पर दिल से माफी मांगने की बात कही गई है।
माफीनामा में क्या लिखा है
मुस्लिम समाज की ओर से इस माफीनामा में लिखा गया है कि डॉ तृप्ति कटारिया, डॉ जाकिया सैयद, समस्त डॉक्टर्स, नर्सेज, मेडिकल टीम, शासन-प्रशासन के समस्त अधिकारी, सभी पुलिसकर्मी, आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, संस्थाएं और समस्त लोग जो इस आपदा से बचाव में लगे हुए हैं। हमारे पास अल्फाज नहीं जिससे हम आपसे माफी मांग सकें, यकीन कीजिए हम सभी शर्मसार हैं हर उस अप्रिय घटना के लिए जो जाने-अनजाने अफवाहों में आकर हुई। हम इकरार करते हैं कि उस रब के बाद आप लोग हीं हैं जो हमेशा से हमारी हर बीमारी में, हर मुश्किल समय में हमारे लिए दीवार बनकर खड़े रहें। इसलिए आज हम दिल से आप सभी से माफी मांगना चाहते हैं, हमें माफ कर दीजिए। हम उस वक्त में पीछे जाकर उसे सुधार तो नहीं कर सकते पर वादा कर सकते हैं कि भविष्य में समाज की हर कमी को खत्म करने की हर संभव कोशिश करेंगे।
मुस्लिम समुदाय से की गई है ये अपील
इस विज्ञापन में मुस्लिम समुदाय के लोगों से कोरोना वायरस से सचेत रहने और सरकार, प्रशासन और डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को सहयोग करने की अपील की गई है।
डॉक्टरों की टीम पर हुआ था हमला
बता दें कि कोरोना की जांच करने के लिए गई डॉक्टरों की टीम पर हमला हुआ था। ये हमला शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में हुआ था। इस दौरान टीम पर पथराव करने के साथ ही उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इस टीम में दो महिला डॉक्टर भी मौजूद थीं. इनमें से एक डॉ जाकिया सैय्यद थीं और दूसरी डॉक्टर का नाम था डॉ. तृप्ति कटदरे। इन पर हुए इतने बड़े हमले के बाद भी दोनों ही डॉक्टरों ने हिम्मत नहीं हारी। ये दोनों डॉक्टर कोरोना के खिलाफ जंग में लगातार काम कर रही हैं।
पीएचसी की इंचार्ज को मिल चुका है अवार्ड
जानकारी के अनुसार डॉ. जाकिया सैय्यद पलासिया पीएचसी की इंचार्ज हैं। पूर्व में इन्हें बेस्ट पीएचसी का अवार्ड मिल चुका है। वहीं डॉक्टर तृप्ति क्षिप्रा पीएचसी में पदस्थ हैं और कोरोना कॉम्बेट टीम की सदस्य हैं। इंदौर के जिए टाटपट्टी बाखल इलाके में डॉक्टरों पर पथराव हुआ, वहां अगले ही दिन फिर से जांच के लिए दोनों लेडी डॉक्टर पहुंच गई थी। दोनों ने उस इलाके से 18 कोरोना संक्रमित लोगों को ढूंढ निकाला है। ऐसा कर डॉक्टरों ने उस इलाके के हजारों लोगों की जिंदगी बचाई है।
स्थानीय लोगों ने भी मांगी थी माफी
पिछले बुधवार को पथराव के बाद गुरुवार को वहां डॉक्टरों की टीम जांच के लिए पहुंची थी। उसके बाद स्थानीय लोगों ने भी उनसे माफी मांगी थी। साथ ही कहा कि आप सब हमारी बहन जैसी हैं, हमें माफ कर दीजिए। कुछ बच्चों ने गलतफहमी की वजह से ऐसा कर दिया है। इसके लिए हमलोग शर्मिंदा है। आप सब हमारी जान बचाने ही आई है। बताया जाता है कि टीम उस दिन एक समोसे वाली चाची के घर जांच करने गई थी, महिला के शोर के बाद ही स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव शुरू हुआ था।