कांग्रेस ने बजट को बताया चुनावी घोषणापत्र, राहुल बोले- रोज 17 रुपये देना किसानों का अपमान

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बजट पर हमलावर दिख रहे हैं। राहुल गांधी ने अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है। राहुल ने किसानों को दी जाने वाली 6 हजार रुपये सालाना की आर्थिक मदद पर ट्वीट करते हुए कहा कि मोदी सरकार के 5 साल की अक्षमता और अहंकार से किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। अब उनको प्रतिदिन 17 रुपये देना उनकी मेहनत और उनकी हर मांग का अपमान है।


भाजपा का चुनावी घोषणापत्र है बजट: कांग्रेस

इससे पहले कांग्रेस ने शुक्रवार को पेश किए गए अंतरिम बजट को ‘भाजपा का चुनावी घोषणापत्र’ करार दिया और कहा कि मोदी सरकार के प्रदर्शन के रिपोर्ट कार्ड को मुहैया कराए बगैर यह लोकसभा चुनाव के लिए मतदाताओं को लुभाने का प्रयास है। वित्तमंत्री पीयूष गोयल द्वारा अंतरिम बजट पेश करने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से कहा, “आज का बजट भाजपा का चुनावी घोषणापत्र है। यह और कुछ नहीं बल्कि मतदाताओं को घूस देने का प्रयास है और बजट की यह पूरी कवायद आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर की गई है।”

उन्होंने कहा, “बजट में सरकार के पांच वर्ष के प्रदर्शन के बारे में कुछ नहीं है। उन्होंने क्या उपलब्धि हासिल की, उनके कितने वादे पूरे हुए- पांच वर्ष में 10 करोड़ नौकरी देने के वादे या 15 लाख रुपये प्रत्येक भारतीय के खाते में देने के वायदे का क्या हुआ, इस बारे में नहीं बताया।”

उन्होंने जानना चाहा कि ‘कौन नरेंद्र मोदी सरकार के नए वादों को पूरा करेगा, जिसका कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है।’

खड़गे ने वोट ऑन अकाउंट के बदले ‘पूर्ण बजट’ पेश करने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।

खड़गे ने कहा, “यह ‘वोट ऑन अकाउंट’ होना चाहिए, उनका जनादेश मई तक है। उसके स्थान पर, उन्होंने पूरे वर्ष के लिए बजट पेश कर दिया।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “जो वादे उन्होंने किए हैं, उन्हें कौन निभाएगा? यह और कुछ नहीं बल्कि लोकसभा चुनावों से पहले लोगों को गुमराह करना है।”

उन्होंने पांच लाख तक कर में छूट देने के निर्णय के लिए भी सरकार को श्रेय देने से इनकार कर दिया।

खड़गे ने कहा, “यह लोकसभा चुनावों से पहले मध्यवर्ग को लुभाने का प्रयास है। यह कोई गेम चेंजर नहीं है क्योंकि लोग जानते हैं कि सरकार ने क्या किया है और बीते पांच वर्षो में इसने कैसा प्रदर्शन किया है।”

खड़गे ने कहा कि बजट में गरीबों को खासकर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को नजरअंदाज किया गया है।

उन्होंने मनरेगा के लिए बजटीय आवंटन में अपेक्षित वृद्धि नहीं होने का हवाला देते हुए कहा, “गरीबों, किसानों एससी और एसटी के लिए इसमें कुछ नहीं है।”

खड़गे ने कहा, “वे महसूस करते हैं कि वे बजट के जरिए किसानों से मत पाएंगे लेकिन लोगों को पता है कि उनके साथ ठगी की गई है।”

उन्होंने कहा, “सरकार ने यह बता दिया कि वे अगले वर्ष क्या करेंगे लेकिन ये नहीं बताया कि उन्होंने इन पांच वर्षो में क्या किया।”

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