आज से 34 वर्ष पहले, 26 अप्रैल 1986 को उत्तरी यूक्रेन के चेर्नोबिल परमाणु पावर प्लांट में कुछ ऐसा हुआ जिससे पूरी दुनिया हिल गई थी। सोवियत संघ के चेर्नोबिल परमाणु पावर प्लांट में परमाणु विस्फोट हुआ, जिसे आज तक का सबसे बड़ा परमाणु हादसा माना जाता है। हादसे में 30 लोगों की मृत्यु हुई। माना जाता है कि चेर्नोबिल परमाणु विस्फोट से अबतक 4000 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। वहां के लोगों को आज भी इस हादसे के परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं।
हर वर्ष की 26 अप्रैल को ‘इंटरनेशनल चेर्नोबिल डिजास्टर रिमेम्ब्रेन्स डे’ के रूप में मनाया जाता है, ताकि विश्व भर में इस परमाणु पावर प्लांट में हुए विस्फोट के परिणाम के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके। बता दें कि इस विस्फोट के कारण तीन दशक तक लगभग 8. 4 मिलियन लोग रेडिएशन का शिकार हुए।
क्या था चेर्नोबिल डिजास्टर?
चेर्नोबिल परमाणु हादसे को इतिहास में अब तक का सबसे घातक परमाणु विस्फोट माना जाता है। यह हादसा 26 अप्रैल 1986 को उत्तरी यूक्रेन के चेर्नोबिल परमाणु पावर प्लांट में हुआ, जो उस वक़्त सोवियत संघ का हिस्सा था। विस्फोट में यूक्रेन के लोगों ने प्रलयंकारी विस्फोट और आग देखी और अभूतपूर्व स्तर पर वायुमंडल में रेडियोएक्टिव पदार्थ के फैल जाने से पूरा यूक्रेन सदमे में था।
हालाँकि हादसे में हुई हताहत उतनी नहीं थी, जितनी सोची जा रही थी। लेकिन यह हादसा एक लम्बे समय तक चलने वाले प्रभाव दे गया जो आज भी वहां के लोगों को प्रभावित कर रहे हैं और आगे भी कई जनरेशन इससे प्रभावित होंगी। यूक्रेन के साथ- साथ बेलारूस और रूस भी इस हादसे की मार झेल रहे हैं। कई स्टडीज में यूक्रेन में हुए हादसे से प्रभावित हेल्थ और वातावरण के बारे में बताया गया है। सर्वे के अनुसार हादसे से आज भी यूक्रेन, बेलारूस और रूस के लोगों को कई घातक बीमारी होती हैं, जिसमें से एक बच्चों में थाइरोइड कैंसर है।
चेर्नोबिल डिजास्टर डे- जागरूकता अभियान
26 अप्रैल को मनाये जाने वाले ‘इंटरनेशनल चेर्नोबिल डिजास्टर रिमेम्ब्रेन्स डे’ के दिन विश्व भर में परमाणु हादसे को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है। इस दिन पूरी दुनिया में कई जागरूकता अभियान होते हैं। ये सभी अभियान चेर्नोबिल परमाणु हादसे के परिणाम और परमाणु एनर्जी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए होते हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के जनरल असेंबली में स्पीच देते हुए एडी रोच, जो कि ‘चेर्नोबिल चिल्ड्रेन इंटरनेशनल’ नामक नॉन प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन के फाउंडर हैं, उन्होंने नए मायनों, नई पहल को खोजने के प्रयास करने की अपील की थी ताकि हादसे से प्रभावित लोगों को आगे चल कर इन प्रभावों से बचाया जा सके।