International Day of Non-Violence : हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 में हुआ था। इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) के रूप में भी मनाया जाता है। गांधी जी विश्व भर में अपने अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। गांधी जी कहते थे कि अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है जिसके आधार पर समाज का बेहतर निर्माण करना संभव है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र आम सभा (UNGA) ने 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने का फैसला किया था।
संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक वेबसाइट पर इस बारे में लिखा है…
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता और अहिंसा के दर्शन के अगुआ महात्मा गांधी के जन्मदिन को विश्व अहिंसा दिवस के तौर पर चिन्हित किया गया है।
15 जून 2007 को महासभा के प्रस्ताव A/RES/61/271 के अनुसार, यह विश्व दिवस शिक्षा और जन जागरूकता सहित अहिंसा के संदेश को प्रसारित करने का एक अवसर है। यह संकल्प अहिंसा के सिद्धांत की सार्वभौमिक प्रासंगिकता और शांति, सहिष्णुता, समझ और अहिंसा की संस्कृति को सुरक्षित करने की इच्छा की पुष्टि करता है।
महात्मा गांधी का जीवन और नेतृत्व
भारत को स्वतंत्रता की ओर अग्रसर करने वाले महात्मा गांधी दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और सामाजिक परिवर्तन के लिए अहिंसक आंदोलनों की प्रेरणा रहे हैं। अपने पूरे जीवन के दौरान गांधी दमनकारी हालात में भी अहिंसा के प्रति अपने विश्वास को लेकर प्रतिबद्ध रहे।
उनके कार्यों के पीछे का सिद्धांत, जिसमें 1930 के ऐतिहासिक दांडी मार्च (नमक कानून तोड़ने के खिलाफ) के साथ ब्रिटिश कानून के लिए बड़े पैमाने पर सविनय अवज्ञा को प्रोत्साहित करना शामिल था। गांधी का मानना था, “शांतिपूर्ण समाज को प्राप्त करने के लिए हिंसा का उपयोग करने का प्रयास करना तर्कहीन है।” उनका मानना था कि भारतीयों को उपनिवेशवाद से आजादी की लड़ाई में हिंसा या नफरत का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।