International Kite Festival 2020: अहमदाबाद में आज से अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव (International Kite Festival) की शुरुआत हो चुकी है। ये फेस्टिवल साबरमती रिवरफ्रंट पर हो रहा है जो 7 दिन के लिए चलेगा। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस महोत्सव का उद्घाटन किया। गुजराज टूरिज्म इस महोत्सव का समर्थन करता है और इस महोत्सव का मुख्य इवेंट अहमदाबाद स्थित साबरमती रिवर फ्रंट पर होता है।
सूर्य के उत्तरायण (Uttarayan) यानी मकर संक्रांति (Makar Sankranti) तक चलने वाले इस महोत्सव की शुरुआत 7 जनवरी से हो रही है और इसका समापन 14 जनवरी को होगा इस फेस्टिवल में 43 देशों के 150 पतंगबाज हिस्सा लेंगे। वहीं फेस्टिवल में केवल भारत के 20 राज्यों के 115 पतंगबाज हिस्सा लेंगे। ये उत्सव सुबह 10 बजे से 4 बजे तक चलेगा। रोज पतंग प्रतियोगिता होगी और विजेता को इनाम मिलेगा। इस दौरान आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को उड़ाकर सर्दियों के मौसम का जश्न मनाया जाता है।
गुजरात के अहमदाबाद शहर में साल 1989 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया था और तब से हर साल इस महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इस साल फेस्टिवल का 30वां साल है। इस काइट फेस्टिवल का मुख्य आकर्षण है अलग-अलग शेप, साइज और कलर में दिखने वाली लाखों पतंगें।
अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव की तिथि
अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव पतंग उड़ाने के शौकीनों के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। गुजरात में आयोजित किए जाने वाले पतंग महोत्सव को उत्तरायण या मकर संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है। उत्तरायण यानी मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस पर्व को तमिलनाडु में पोंगल के नाम से जाना जाता है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। अहमदाबाद के अलावा सूरत, व़डोदरा, राजकोट भी पतंगबाजी के प्रमुख केंद्र माने जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का महत्व
हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार तब मनाया जाता है जब सर्दियों का मौसम गर्मियों में बदलने लगता है। इस दिन नई फसल का उत्सव भी मनाया जाता है। उत्तरायण पर गुजरात में उंदियो (मिश्रित सब्जियां), तिल के लड्डू और जलेबी जैसी चीजों का सेवन किया जाता है।
उत्तरायण सर्दियों के अंत और गुजरात के किसानों के लिए गर्मियों के मौसम की वापसी का प्रतीक है। 15 जनवरी को वासी उत्तरायण के रूप में जाना जाता है। गुजरात के प्रमुख शहरों में उत्तरायण के दिन सुबह 5 बजे से पतंगबाजी शुरू हो जाती है और देर रात तक चलती है।