May Day 2020: 1 मई को क्यों मनाया जाता है ‘अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस’, जानिए इसका इतिहास और महत्‍व

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May Day 2020: 1 मई को क्यों मनाया जाता है 'अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस', जानिए इसका इतिहास और महत्‍व

Labour Day 2020: आज 1 मई को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस (Labour Day) मनाया जा रहा है। यह दिवस उन लोगों को समर्पित है जिन्‍होंने अपनी श्रम-शक्ति से देश और दुनिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। किसी भी देश, समाज, संस्था और उद्योग के विकास में मजदूरों, कामगारों और मेहनतकशों का योगदान अप्रतिम है।

मजदूर दिवस (Worker’s Day 2020) को पिछले 133 साल से मनाया जा रहा है। मजदूर दिवस को लेबर डे, मई दिवस (May Day 2020), श्रमिक दिवस भी कहा जाता है। आज ही के दिन दुनिया भर के मजदूरों के अनिश्चित काम के घंटों को 8 घंटे में बदला गया था। इस दिन ज्‍यादातर कंपनियों में छुट्टी रहती है। दुनिया के कई देशों में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। भारत में भी कामकाजी लोगों के सम्‍मान में मजदूर दिवस (Labour Day In India) मनाया जाता है।


मजदूर दिवस का इतिहास (History Of May Day)

दरअसल, साल 1877 में मजदूरों ने अपने काम के घंटे तय करने की अपनी मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया। जिसके बाद एक मई 1886 को पूरे अमेरिका में लाखों मजदूरों ने एकजुट होकर इस मुद्दे को लेकर हड़ताल की। इस हड़ताल में लगभग 11 हजार फैक्ट्रियों के 3 लाख 80 हजार मजदूर शामिल हुए। इस व्यापक हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किस ने फोड़ा, इसका पता नहीं चल सका। लेकिन प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोलियां चला दीं और इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कई मजदूर मारे गए।

अमेरिका के शिकागो शहर में शहीद मजदूरों की याद में पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया। इसके बाद साल 1889 में पेरिस में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय महासभा की दूसरी बैठक में फ्रेंच क्रांति को ध्यान में रखते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया। इस प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाए जाने की बात स्वीकार की गई। इस प्रस्ताव के पास होते ही अमेरिका में सिर्फ 8 घंटे काम करने की इजाजत दे दी गई। जिसके बाद पहली मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत हुई।

भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई में 1 मई 1923 में हुई। भारतीय मजदूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने ने 1 मई 1923 को (तत्कालीन) मद्रास में इसकी शुरुआत की थी। भारत में मजदूर दिवस के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है और इसे यहां अंतरराष्‍ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिन्‍दी में इसे ‘कामगार’ दिन भी कहते हैं।


मजदूर दिवस का महत्‍व (Significance of Worker’s Day)

मजदूर दिवस का विशेष महत्‍व है। यह दिवस उन लोगों के नाम है जो इस दुनिया के विकास की रथ का पहिया हैं। यह दिवस याद दिलाता है कि अगर मजदूर न होते तो शहरीकरण, औद्योगीकरण और आधुनिकीकरण की रफ़्तार पर हम गर्व महसूस करते हैं वह अस्तित्‍व में ही नहीं होती। यह विकास, संपन्नता और ऐशो-आराम मजदूरों की ही देन है। ऐसे में हमें मजदूर दिवस के बहाने इन कामगर मेहनतकश लोगों का आभार जताना चाहिए।

कैसे मनाया जाता है मजदूर दिवस?

मजदूर दिवस यानी कि श्रमिक दिवस के दिन विभिन्न श्रम संगठन या ट्रेड यूनियनें अपने सदस्‍यों के साथ अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर जुलूस निकालते हैं। अपने अधिकारों के प्रति आवाज उठाते हैं। इसके अलावा मजदूर दिवस के दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।


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