नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय में होने वाली ऑनलाइन परीक्षाएं फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है। जामिया के छात्रों द्वारा परीक्षाएं स्थगित किए जाने की मांग की गई थी। छात्रों द्वारा की गई इसी मांग के आधार पर जामिया विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जामिया विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षाएं स्थगित किए जाने का स्वागत किया है। मुफ्ती ने जामिया द्वारा लिए गए निर्णय पर ट्वीट करते हुए कहा, हमारी चिंताओं पर ध्यान देने के लिए शुक्रिया। मुझे यकीन है इस निर्णय से यहां छात्र काफी राहत महसूस करेंगे।
गौरतलब है कि देश के अन्य हिस्सों समेत कश्मीर के भी कई छात्र जामिया से पढ़ाई कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इन छात्रों के सुरक्षित घर पहुंचने की व्यवस्था करवाई थी। इनमें से कई छात्रों का कहना है कि फिलहाल वे ऑनलाइन परीक्षाएं देने में सक्षम नहीं हैं। देश भर से सैकड़ों अन्य छात्रों ने भी जामिया के समक्ष ऑनलाइन परीक्षा देने में अपनी असमर्थता जाहिर की है।
परीक्षाएं स्थगित किए जाने के विषय पर जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा, जामिया मिलिया इस्लामिया ने अपने छात्रों के आग्रह को देखते हुए, ऑनलाइन प्राक्टर्ड एक्जामिनेशन की अपनी 07 दिसंबर की घोषणा को फिलहाल स्थगित कर दिया है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नजमा अ़ख्तर ने छात्रों के इस आग्रह पर गौर करते हुए, ऑनलाइन प्राक्टर्ड एक्जामिनेशन के जरिए ऑड सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाएं कराने को, अगली घोषणा तक के लिए रोक दिया है।
जामिया के आफिस ऑफ कंट्रोलर ऑफ एक्जामिनेशन ने शनिवार को एक नोटिस के जरिए इस निर्णय के बारे में बताया। जामिया के आफिस ऑफ कंट्रोलर ऑफ एक्जामिनेशन ने कहा, इन परीक्षाओं को लेकर छात्रों की चिंताओं से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को अवगत करा दिया गया है। अंतिम निर्णय के लिए अब यूजीसी के निर्देश का इंतजार है। इस बारे में यूजीसी के निर्देश मिलते ही उसके अनुसार निर्णय करके छात्रों को अवगत करा दिया जाएगा।
वहीं अगले वर्ष होने वाली 10वीं और 12वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए भी छात्रों को पर्याप्त समय दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को स्पष्ट किया है कि परीक्षाएं मार्च में ही आयोजित कराने की कोई अनिवार्यता नहीं है। अभिभावकों ने बोर्ड की परीक्षाएं मई महीने के दौरान कराने की मांग की है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, छात्रों को परीक्षा के नए पैटर्न के आधार पर तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। परीक्षा मार्च महीने में आयोजित करने की कोई अनिवार्यता नहीं है। कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखकर ही परीक्षा की तिथियां तय की जाएंगी। प्रैक्टिकल भी किसी भी एंट्रेस एग्जाम की तारीख पर नहीं होंगे।
–आईएएनएस
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