जामनगर रिफाइनरी केवल जेट फ्यूल, पेट्रोकेमिकल का उत्पादन करेगी : आरआईएल

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मुंबई, 12 अगस्त (आईएएनएस)| अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने मेगा जामनगर रिफाइनरी कांप्लेक्स में केवल जेट फ्यूल और पेट्रोकेमिकल्स का उत्पादन करेगी, क्योंकि कंपनी ऑयल-टू-केमिकल रणनीति के तहत भविष्य के लिए तैयार हो रही है, जिसमें कंपनी सभी तरह के ईधन का उत्पादन करने की बजाए, केवल मूल्य वर्धित ईधन का उत्पादन करेगी। नई रणनीति के तहत जामनगर रिफाइनरी में धीरे-धीरे वाहनों में प्रयोग होनेवाले ईधन जैसे पेट्रोल-डीजल का उत्पादन कम किया जाएगा, क्योंकि उम्मीद है कि इलेक्ट्रिक वाहनों का पैठ बढ़ने से इनकी मांग धीरे-धीरे कम होने लगेगी। पहले ही वित्त वर्ष 2019-20 में ईधन की मांग में कमी आई है, जिसका नतीजा है कि जून में देश के कच्चे तेल के आयात में दोहरे अंको की कमी दर्ज की गई है।

आरआईएल ने अपने नवीनतम सालाना रिपोर्ट में कहा, “जामनगर श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ दुनिया का रिफाइनरी आयकन होगा।”


जामनगर रिफाइनरी में फिलहाल दुनिया भर से खरीद कर लाए गए कच्चे तेल को पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ), नाप्था और अन्य मूल्य वर्धित ईधन में शोधित किया जाता है। संशोधित रणनीति के तहत कच्चे तेल का केवल पेट्रोकेमिकल्स और एटीएफ में ही शोधन किया जाएगा।

आरआईएल की नई रणनीति जमीनी हकीकतों के आधार पर है। दुनिया भर में रिफाइनरी और विपणन की कमाई घट रही है। साल 2018 में इसमें 20 फीसदी की कमी दर्ज की गई। आरआईएल की रिफाइनरी मार्जिन 9.2 डॉलर प्रति बैरल है, जो अपेक्षाकृत काफी मजबूत है। लेकिन भविष्य को देखते हुए कंपनी पहले से ही तैयारियों में जुट गई है।

देश में पहले से ही सरप्लस रिफाइनिंग क्षमता है और सरकारी तेल विपणन कंपनियां भी अपनी क्षमता बढ़ा रहा है और अतिरिक्त क्षमता जुटा रही है। सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजना से भी पेट्रोल, डीजल आदि की मांग में कमी आएगी।


 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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