जावेद अख्तर की बुद्धि पर पड़ा पर्दा, बुद्धिजीवी कहलाने लायक नहीं : भाजपा महासचिव

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नई दिल्ली, 28 फरवरी(आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अनिल जैन ने मशहूर गीतकार जावेद अख्तर पर उस ट्वीट को लेकर निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने दिल्ली हिंसा के मामले में आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन पर एक्शन को लेकर सवाल उठाए थे। भाजपा महासचिव ने कहा कि ऐसे लोगों को बुद्धिजीवी कहना बंद कर देना चाहिए।

भाजपा महासचिव डॉ. अनिल जैन ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “जावेद अख्तर की बुद्धि पर पर्दा पड़ गया है। उनका बुद्धि से संबंध है या भी या नहीं? ताहिर हुसैन के छत से आतंक की पूरी फैक्ट्री पकड़ी गई। गुलेल, पेट्रोल बम बरामद हुए। सब कुछ मीडिया के सामने रिकॉर्ड हुआ। फिर भी जावेद अख्तर जैसा व्यक्ति एक्शन होने पर सवाल उठा रहा है, जबकि पूरा देश एक्शन की मांग कर रहा। ऐसे लोगों को बुद्धिजीवी कहना बंद कर देना चाहिए।”


बीजेपी नेता कपिल मिश्रा पर दिल्ली में हिंसा भड़काने के लगे आरोपों पर भाजपा महासचिव ने कहा, “कोर्ट में मामला है। कोर्ट ने रिकार्ड मंगवाए हैं। मैं कपिल मिश्रा का बचाव नहीं कर रहा हूं मगर उन्होंने यही तो कहा था कि जगह जगह रास्ते पर बैठ जाएंगे तो जनजीवन अस्तव्यस्त हो जाएगा। आखिर जाफराबाद में मेट्रो का रास्ता क्यों रोका गया। प्रदर्शन करिए मगर बाकी लोगों को क्या आप जीने नहीं देंगे?

दरअसल, जावेद अख्तर ने आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या और हिंसा भड़काने के आरोपों में घिरे ताहिर हुसैन पर पुलिस का शिकंजा कसने को लेकर एक ट्वीट कर सवाल उठाया था। इसमें उन्होंने लिखा था, “बहुत से लोग मारे गए, बहुत से घायल हुए, तमाम घर जलाए गए, दुकानें लूटी गईं लेकिन पुलिस ने केवल एक घर को सील किया और उसके मालिक की तलाश में लगी हुई है। संयोग से उसका नाम ताहिर है। दिल्ली पुलिस को सलाम है।”

हालांकि ट्रोल होने के बाद शुक्रवार को एक और ट्वीट कर जावेद अख्तर ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी बातों को गलत तरीके से लिया गया। वह ताहिर हुसैन पर एक्शन को लेकर सवाल नहीं उठा रहे थे बल्कि सिर्फ और सिर्फ ताहिर हुसैन पर ही एक्शन को लेकर पूछ रहे थे।


सोनिया ने भड़काई हिंसा

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अनिल जैन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी भड़काऊ बयानबाजी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रामलीला मैदान में दिसंबर में किस तरह का उन्होंने भाषण दिया था। आर-पार की लड़ाई और कुर्बानी देनी की बात उन्होंने कही थी। आखिर संवैधानिक चीजों के लिए क्यों कुर्बानी देने की बात की जा रही। राहुल गांधी ने भी लोगों से घरों से बाहर निकलने को कहा था। क्या यह भड़काने का काम नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा में शामिल कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।

 

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