Jai Prakash Narayan Death Anniversary: जिसने अंग्रेजी स्कूल छोड़कर बिहार विद्यापीठ से अपनी उच्चशिक्षा हासिल की

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Jai Prakash Narayan Death Anniversary: जिसने अंग्रेजी स्कूल छोड़कर बिहार विद्यापीठ से अपनी उच्चशिक्षा हासिल की

Jai Prakash Narayan Death Anniversary:  लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) का जन्म 11 अक्टूबर 1902 में बिहार के सिताबदियारा में हुआ था। जयप्रकाश नारायण राष्ट्रवादी थे और उन्होंने जलियांवाला बाग़ नरसंहार के विरोध में ब्रिटिश शैली के स्कूलों को छोड़कर बिहार विद्यापीठ से अपनी उच्चशिक्षा हासिल की थी।

जयप्रकाश जी ने समाजशास्त्र से एम. ए. किया था। उन्होंने अमेरिकी विश्वविद्यालय से भी आठ वर्ष तक अध्ययन किया था। अमेरिका से पढ़ाई पूरी कर के वापस आने के बाद उनका संपर्क गांधी जी के साथ काम कर रहे पंडित जवाहर लाल नेहरु से हुआ। जेपी भी आगे चल कर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने।


साल 1932 में गांधी, नेहरु और अन्य महत्त्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओं के जेल जाने के बाद, उन्होंने भारत में अलग-अलग हिस्सों में होन वाले संग्राम का नेतृत्व किया। अन्ततः उन्हें भी मद्रास में सितम्बर 1932 में गिरफ्तार कर लिया गया था और नासिक के जेल में डाल दिया गया।

जेपी वर्ष 1939 में उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज सरकार के खिलाफ लोक आन्दोलन का भी नेतृत्व किया। उन्होंने सरकार को किराया और राजस्व रोकने के अभियान भी चलाये और टाटा स्टील कम्पनी में हड़ताल कराके यह प्रयास किया कि अंग्रेज़ों को इस्पात न पहुंचे।

उन्हें इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया और 9 महीने की कैद की सज़ा सुनाई गयी थी। 1948 में जेपी ने कांग्रेस के समाजवादी दल का नेतृत्व किया और बाद में गांधीवादी दल के साथ मिलकर समाजवादी सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की।


साल 1960 के दशक के अंतिम समय में वे राजनीति में पुनः सक्रिय रहे। जेपी ने 1974 में किसानों के बिहार आन्दोलन में उन्होंने तत्कालीन राज्य सरकार से इस्तीफे की मांग की। वे इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के खिलाफ थे। 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की और इसके बाद जेपी सहित 600 से भी अधिक विरोधी नेताओं को बन्दी बनाया गया और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई।

1977 जेपी के प्रयासों से एकजुट विरोध पक्ष ने इंदिरा गांधी को चुनाव में हरा दिया। जयप्रकाश नारायण का निधन उनके निवास स्थान पटना में 8 अक्टूबर 1979 को हृदय की बीमारी और मधुमेह के कारण हुआ था।

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