राजस्थान के जयपुर सेंट्रल जेल में पाकिस्तानी कैदी शकरउल्लाह की हत्या के मामले में जेल प्रशासन पर कार्रवाई की गई है। जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर को एपीओ किया किया गया है। साथ ही वार्डन और हेड वार्डन को निलंबित कर दिया गया है।
राकेश मोहन शर्मा को जयपुर सेंट्रल जेल का नया अधीक्षक बना दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए है। इस मामले में कैदियों अजीत, मनोज, कुलविंद्र और भजन मीणा को डिटेन कर लिया गया है। आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा किया गया है।
बताया जा रहा है कि बैरक में हाजी खान, महेश, नंदलाल और मल्लाह नाम के कैदी भी मौजूद थे। इनसे भी पुलिस इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी जुटा रही है। साथ ही जानकारी ये भी मिली है कि कैदियों में पहले से किसी प्रकार का कोई मनमुटाव नहीं था, कैदियों के वार्ड में 66 बंदी थे।
बुधवार दोपहर करीब 1.20 बजे बैरक नंबर 10 में 9 कैदी टीवी देख रहे थे। इस दौरान पाकिस्तानी कैदी शकरउल्लाह ने टीवी की आवाज को कम करने के लिए कहा। ये सुनकर अन्य कैदी आग बबूला हो गए और उन्होंने वहां रखें पत्थर को उठाकर करीब 45 साल के शकरउल्लाह के सिर पर ताबड़तोड़ वार किए। इस हमले में शकरउल्लाह की मौके पर ही मौत हो गई।
बता दें कि पाकिस्तानी कैदी शकरउल्लाह उर्फ मोहम्मद हनीफ उर्फ अमर सिंह लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी था, जिसे राजस्थान ATS द्वारा 2011 में 8 आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार करने के बाद साल 2017 में कोर्ट ने आतंकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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