केंद्र की मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से धारा 370 (Article 370) को हटाने की सिफारिश कर दी है। सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राज्यसभा में संकल्प पेश करते हुए राज्य के पुनर्गठन और धारा 370 (Article 370) को हटाने की सिफारिश की। केंद्र सरकार के इस फैसले को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती (Mehbooba Mufti) ने भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन करार दिया है।
धारा 370: क्यों है इसपर विवाद, जानें इसके बारे में
मोदी सरकार के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) का बयान सामने आया है। महबूबा मुफ्ती ने इसे भारतयी लोकतंत्र का काला दिन करार दिया है। महबूबा मुफ़्ती ने ट्वीट कर कहा है, ” आज भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। जम्मू-कश्मीर के नेताओं का 1947 में द्विराष्ट्रवाद के सिद्धांत को खारिज कर भारत के साथ रहना भारी पड़ा है। भारत सरकार का धारा 370 को समाप्त करने का एकपक्षीय फैसला असंवैधानिक और गैरकानूनी है।”
Today marks the darkest day in Indian democracy. Decision of J&K leadership to reject 2 nation theory in 1947 & align with India has backfired. Unilateral decision of GOI to scrap Article 370 is illegal & unconstitutional which will make India an occupational force in J&K.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2019
एक अन्य ट्वीट में महबूबा मुफ़्ती ने कहा,”इस फैसले के भयानक परिणाम होंगे। भारत सरकार के इरादे साफ़ हैं। वो जम्मू-कश्मीर के लोगों को आतंकित कर राज्य की जमीन को हासिल करना चाहते हैं। भारत ने कश्मीर के साथ वादाखिलाफ़ी की है।”
It will have catastrophic consequences for the subcontinent. GOIs intentions are clear. They want the territory of J&K by terrorising it’s people. India has failed Kashmir in keeping its promises.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2019
बता दें, धारा 370 पर सरकार के प्रस्ताव के बाद पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद और एमएम फैयाज ने सदन में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। दोनों के ओर से संविधान फाड़ने की कोशिश भी की। जिसके बाद चेयरमैन ने दोनों सांसदों को सदन से बाहर जाने के लिए कहा। एमएम फैयाज ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए अपना कुर्ता फाड़ लिया।
क्या है कश्मीर से जुड़ा अनुच्छेद 35-A, जिसपर मचा है सियासी संग्राम
ज्ञात हो कि मोदी सरकार ने धारा 370 के जरिए घाटी को मिलने वाले सारे विशेषाधिकार खत्म कर दिए हैं। जम्मू-कश्मीर अब एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। इसकी स्थिति कमोबेश दिल्ली जैसी हो गयी है। साथ ही केंद्र सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया है, यानी लद्दाख अब एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा।