झारखंड में विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दल हर तोड़-तिकड़म आजमा रहे हैं। मुख्यमंत्री रघुबर दास के नेतृत्व में प्रदेश की सत्ता में वापसी की राह देख रही बीजेपी भी कोई कसर नहीं छोड़ रही। यहाँ तक कि राजनीतिक मूल्यों और आदर्शों को ताक पर रखकर बीजेपी बड़े-बड़े भ्रष्टाचार और अपराध के आरोपियों को भी टिकट दे रही है। पार्टी ने अपराध के दर्जनों मामले में आरोपी नेता वीरेंद्र मंडल को जामताड़ा से चुनावी मैदान में उतारा है।
बीजेपी उम्मीदवार वीरेंद्र मंडल के ऊपर पॉकेटमारी से लेकर लूट, रंगदारी, अपहरण, दंगा, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई संगीन अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। कई मामलों में उनके ऊपर चार्जशीट भी दाखिल हो चुका है और मामला कोर्ट में लंबित हैं। इसके अलावा उनके ऊपर सरकारी काम-काज में दखल डालने, सरकारी कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज करने और आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी मामले भी दर्ज हैं।
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न्यूज्ड हिंदी के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार, वीरेंद्र मंडल का काफी पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। वीरेंद्र मंडल के ऊपर हत्या का एक, हत्या के प्रयास के 3 मामले दर्ज हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जामताड़ा से चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें कांग्रेस के इरफ़ान अंसारी के हाथों हार झेलनी पड़ी थी।
गौरतलब है कि बीजेपी ने दूसरे दलों से आए नेताओं को बड़ी संख्या में टिकट दिया हैं। इसमें वैसे भी नेता शामिल हैं, जिनपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी का टिकट हासिल करने वाले भानुप्रताप शाही मधु कोड़ा की सरकार में मंत्री रहे थे, और वह 130 करोड़ रुपये के दवा घोटाले के आरोपी हैं।
वहीं पांकी से टिकट पाए शशिभूषण मेहता अपने ही स्कूल की शिक्षिका की हत्या के आरोपी हैं। ये दोनों कुछ ही दिन पहले भाजपा में शामिल हुए हैं। ऐसे में ये सोचने वाली बात है कि राजनीति में चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली बीजेपी की आखिर क्या मजबूरी है कि वह ऐसे लोगों को टिकट दे रही है। आपको बता दें कि 81 विधानसभा सीट वाले झारखंड में बीजेपी ने अब तक 53 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।