मुंबई, 6 जनवरी (आईएएनएस)| महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार को हुई हिंसा की तुलना 12 साल पहले 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में होटल ताज पैलेस में हुए आतंकवादी हमले से की है। ठाकरे ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा, “हमलावर अपने चेहरे क्यों ढक रखे थे? वे क्यों छिप रहे हैं? मुझे 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले की याद आ गई है। वे (हमलावर) कायर हैं और देश उनके इस कृत्य को कतई समर्थन नहीं देगा।”
उन्होंने कहा, “हिंसा में लिप्त नकाबपोश लोगों को बेनकाब किए जाने की जरूरत है और उनके चेहरे को पूरे देश के सामने लाया जाना चाहिए।”
ठाकरे ने कहा कि इस मामले पर राजनीति किए बिना, जो भी जेएनयू में हुई हिंसा के अपराधी हैं, उन्हें सामने लाया जाए और उन्हें कठोरतम सजा दी जाए।
मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने चेतावनी जारी की कि अगर महाराष्ट्र में ऐसी हालत बनाने का कोई प्रयास किया जाता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने राज्य के युवाओं को आश्वस्त किया कि वे बिल्कुल सुरक्षित हैं।
ठाकरे ने कहा, “देश के युवाओं व छात्रों के मन में आशंकाएं हैं। उन्हें विश्वास में लेने, उनकी शंकाओं को दूर करने और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने की जरूरत है।”
उन्होंने युवाओं का देश का भविष्य बताते हुए कहा कि उनके विचार महत्वपूर्ण हैं और अगर वे अपने छात्रावासों में भी सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं, तो यह देश पर एक धब्बा है।
इसके अलावा महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के शीर्ष नेताओं और मंत्रियों ने भी जेएनयू हिंसा की निंदा की।
जेएनयू परिसर में रविवार की शाम कुछ नकाबपोशों ने छात्रों व प्रोफेसरों पर लाठी-डंडों व रॉड से हमला कर दिया था, जिसमें लगभग 35 छात्र और प्रोफेसर घायल हुए हैं। छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष का सिर फोड़ दिया गया है। घायल छात्रों का कहना है कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने नकाबपोश बाहरी लोगों को बुलाकर उन्हें पिटवाया।
देश के शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालय में हुई इस घटना की देशभर में निंदा की जा रही है और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में इसके खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।