JNU के प्रोफेसर भी कुलपति एम. जगदीश कुमार के इस्तीफे की मांग पर अड़े

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नई दिल्ली | जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों के बाद अब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भी कुलपति एम. जगदीश कुमार के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़ गए हैं। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी इस मांग से अवगत कराया। टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि जब तक जेएनयू के कुलपति का इस्तीफा नहीं हो जाता, तब तक विश्वविद्यालय में किसी भी तरह की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।

जेएनयू कुलपति को हटाए जाने की मांग को लेकर जामिया टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डी.के. लोबियाल ने अध्यापकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे से मुलाकात की। जेएनयू टीचर्स के मुताबिक, उन्होंने मानव संसाधन विकास सचिव के समक्ष स्पष्ट तौर पर जेएनयू कुलपति को तुरंत हटाए जाने की मांग रखी।


लोबियाल ने कहा कि उन्होंने मंत्रालय के सचिव को बताया कि अब कुलपति एवं जगदीश कुमार के रहते विश्वविद्यालय में किसी प्रकार की जांच संभव नहीं है। अध्यापकों का कहना है कि विश्वविद्यालय में घोर असुरक्षा का माहौल है। छात्रों और अध्यापकों, दोनों को ही कुलपति पर विश्वास नहीं है।

जेएनयू अध्यापकों का यह भी कहना है कि 5 जनवरी की शाम जेएनयू में हुई हिंसा में कुलपति की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने गुरुवार को मंत्रालय के बाहर आयोजित छात्र के प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया। अध्यापकों का कहना है कि कुलपति ने समय रहते ना तो पुलिस को हिंसा की सूचना दी और ना ही पुलिस ने सूचना मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई की। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि जब स्वयं कुलपति की स्थिति संदेहजनक है तो भला वह कैसे किसी की जांच करवा सकते हैं।

मंत्रालय ने जेएनयू अध्यापकों की शिकायत पर फिलहाल किसी कार्रवाई का आश्वासन नहीं दिया है। मंत्रालय ने जेएनयू में छात्रों की हड़ताल व अन्य विवादों पर अध्यापकों को मिल-बैठकर चर्चा करने की राय दी है।



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(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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