हेमंत सोरेन का आरोप- झारखंड से भेदभाव कर रहा है केंद्र, छात्रों-मजदूरों को लाने के लिए पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

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Soren government will give two thousand rupees per month to trafficked minors

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने लॉकडाउन में कुछ दुकानों को छूट देने का निर्णय लेने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है, लेकिन हमने निर्णय लिया है कि तीन मई तक राज्य में लॉकडाउन में कोई नयी छूट नहीं दी जाएगी, जो आवश्यक सेवाओं और किराने की दुकानें खुल रही है, वहीं दुकानें खुली रहेगी। मुख्यमंत्री सोमवार को राजधानी रांची स्थित झारखंड मंत्रालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करेंगे

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इंटर स्टेट मूवमेंट पर केंद्र सरकार की ओर से रोक लगाया गया है और जब तक इस रोक को हटा नहीं लिया जाता है, तब तक राज्य सरकार बाहर में फंसे प्रवासी श्रमिकों, छात्र-छात्राओं को वापस लाने को लेकर इंतजार करेंगे।


पीएम को पत्र लिखकर समस्याओं से कराया अवगत

हेमंत सोरेन ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा के दौरान कई बार बोलने का समय नहीं मिल पाता है,इसलिए उन्होंने रविवार को ही प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था, जिसके माध्यम से यह जानकारी दी गयी थी कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 3 मई तक लॉकडाउन अवधि में अंतर्राज्यीय आवागमन पर रोक लगायी है, इसका उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत कार्रवाई होगी। लेकिन लॉकडाउन में बड़ी संख्या में झारखंड के छात्र-छात्राएं और प्रवासी श्रमिक दूसरे राज्यों में फंसे है, उन्हें वापस नहीं जाया जा पा रहा है।

हेमंत सोरेन ने बताया कि कुछ राज्यों ने इस आदेश का उल्लंघन करने का भी काम किया, लेकिन केंद्र सरकार बिल्कुल मौन है, यह परेशान करने वाली बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करनी चाहिए, ताकि राज्य सरकार भी अपने छात्र-छात्राओं और प्रवासी श्रमिकों को दूसरे राज्यों से वापस ला सके।

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उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में सरकार अपने बल पर हैदराबाद, बेंगलुरु, पश्चिम बंगाल या ओड़िशा से वापस लाने में सक्षम नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार वैधानिक तरीके से प्रवासी श्रमिकों और छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए आदेश जारी करें, झारखंड सरकार कानून तोड़ कर कोई काम नहीं करेगी। इसी तरह से चलता रहे, तो कोर्ट की शरण में जाना पड़ेगा। 3 मई के बाद लॉकडाउन पर केंद्र के आदेश की समीक्षा के बाद निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 3 मई के बाद लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार के आदेश की राज्य सरकार समीक्षा करेगी और परिस्थितियों के आलोक में राज्य सरकार आगे का निर्णय लेगी।

हिन्दपीढ़ी पूरी तरह से सीआरपीएफ के हवाले

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, इनमें से अधिकांश का जुड़ाव या मूवमेंट कहीं न कहीं रांची के हिन्दपीढ़ी से रहा है। इसका मतलब है कि हिन्दपीढ़ी क्षेत्र में कोरोना वायरस व्यापक रूप से फैल चुका है, इसलिए क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों में ही रहे, अपनी और दूसरे लोगों की जान को मुश्किल में न डालें। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब यह निर्णय लिया गया है कि हिन्दपीढ़ी का क्षेत्र पूरी तरह से सीआरपीएफ की निगरानी में रहेगा, क्षेत्र के लोग अपने आवास पर ही रहे, पूर्व की तरह हिन्दपीढ़ी वासियों के बेड़ो या गढ़वा जाने की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो शहर में और जगहों पर सीआरपीएफ की मदद ली जाएगी। रांची जिले के सभी मुख्य सड़कों को पूरी तरह से सील किया जाएगा, ताकि कोई जिला के अंदर से बाहर नहीं जा सके।

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