कोरोनावायरस (Coronavirus) से बढ़ते खतरे को देखते हुए झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) का बजट सत्र (Budget Session) 5 दिन पहले ही समाप्त कर दिया गया। झारखंड विधानसभा का यह बजट बजट सत्र 28 मार्च तक चलना था। लेकिन सोमवार को सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले विधानसभा में एनपीआर और एनआरसी (NPR and NRC) पर प्रस्ताव पारित हुआ। इस प्रस्ताव में राज्य में एनपीआर को साल 2010 के प्रपत्र में ही तैयार करने और एनआरसी को झारखंड में लागू नहीं किये जाने की बार कही गई है। इस सिलसिले में केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा।
इससे पहले स्पीकर ने विभिन्न विभागों के शेष अनुदान मांगों को गिलोटिन प्रक्रिया के तहत पारित कर दिया। सोमवार को सदन शुरू होते ही विधायकों ने कोरोना के खतरे को देखते हुए कार्यवाही स्थगित करने की मांग की। कार्य मंत्रणा समिति में इस पर सहमति के बाद स्पीकर ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
31 मार्च तक झारखंडमें लॉकडाउन
बता दें कि झारखंड सरकार ने कोरोना के खतरे को देखते हुए 31 मार्च तक पूरे राज्य को लॉकडाउन करने का फैसला किया है। इस दौरान आकस्मिक सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को अपने घरों से काम करने को कहा गया है। लेकिन वे अपने-अपने मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। आवश्यकता पड़ने पर उन्हें दफ्तर बुलाया जा सकता है।
इसके अलावा इंटर स्टेट और राज्य के अंदर बस सेवाओं के परिचालन पर भी 31 मार्च तक पूरी तरह रोक लगा दी गई है। साथ ही टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा आदि का परिचालन भी शहरों में रोक दिया गया है। राज्य की सीमाओं पर स्थित चेकपोस्ट पर चेकिंग की पुख्ता व्यवस्था के निर्देश दिये गये हैं, ताकि बाहर से आने वाले सभी तरह के वाहनों और उसमें बैठे लोगों की जांच की जा सके।
हालांकि स्वास्थ्य सेवाओं, पुलिस, अग्निशमन सेवाएं, कारा सेवाएं, विधि व्यवस्था से जुड़े पदाधिकारी और कर्मी, राशन दुकान, बैंक, एटीएम, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया को लॉकडाउन से छूट दी गई है। बता दें कि अभी तक झारखंड में कोरोना का एक भी पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है। लेकिन हेमंत सोरेन सरकार एहतियातन ये सारे कदम उठा रही है।