रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता और नाला से विधायक रबींद्रनाथ महतो को एक बार फिर झारखंड विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। उनके निर्वाचन में सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष, दोनों का समर्थन मिला, जिससे यह चयन सर्वसम्मति से संपन्न हुआ।
मुख्यमंत्री और विधायकों ने रखा प्रस्ताव
अध्यक्ष पद के लिए कुल सात प्रस्ताव पेश किए गए।
- पहला प्रस्ताव मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रखा, जिसे टुंडी के विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने समर्थन दिया।
- दूसरा प्रस्ताव मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने पेश किया, जिसका समर्थन वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने किया।
- अन्य प्रस्ताव जेएमएम, कांग्रेस और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा पेश किए गए, जिसमें विपक्ष के प्रमुख नेता बाबूलाल मरांडी और निर्दलीय विधायक सरयू राय भी शामिल थे।
अध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति
चर्चा के बाद सभी विधायकों ने रबींद्रनाथ महतो को अध्यक्ष पद के लिए उपयुक्त माना। इसके बाद सर्वसम्मति से उनका चयन हुआ।
मुख्यमंत्री और विपक्ष ने मिलकर किया आसन तक का नेतृत्व
चुनाव के बाद विधानसभा में एक अद्वितीय दृश्य देखने को मिला। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मिलकर रबींद्रनाथ महतो को अध्यक्ष के आसन तक पहुंचाया। यह सदन के भीतर आपसी सम्मान और सहयोग का प्रतीक था।
अध्यक्ष के तौर पर दूसरी पारी
यह रबींद्रनाथ महतो की अध्यक्ष के रूप में दूसरी पारी है। पहली बार वे 2019 में अध्यक्ष बने थे। महतो ने अपने पहले कार्यकाल में सदन के संचालन में संतुलन और निष्पक्षता बनाए रखी थी, जिससे उन्हें सभी दलों का समर्थन मिला।
अध्यक्ष का वक्तव्य
अध्यक्ष चुने जाने के बाद रबींद्रनाथ महतो ने सभी विधायकों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा, “मैं पूरी निष्पक्षता और समर्पण के साथ सदन का संचालन करूंगा। सभी विधायकों के सुझाव और सहयोग से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और सशक्त बनाया जाएगा।”