झारखंड की सभी 81 सीटों के लिए 5 चरणों में हुए मतदान के बाद आज वोटों की गिनती जारी है। नतीजों से सत्ताधारी भाजपा को बड़ा झटका लगा है और बहुमत कन ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए बड़ी जीत हासिल की है। वहीं अगर बात मुस्लिम प्रतिनिधित्व की करें तो नतीजे निराश करने वाले हैं।
2019 विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग साफ हो चुके हैं और एक बार फिर मुस्लिम प्रतिनिधित्व बहुत बेहतर नहीं हुआ है। पाकुड़ से कांग्रेस के आलमगीर आलम ने जीत हासिल की है। वहीं दूसरी सीट जामताड़ा की है जहां से कांग्रेस उम्मीदवार इरफान अंसारी ने जीत दर्ज की। इरफान ने भाजपा उम्मीदवार बिरेंद्र मंडल को शिकस्त दी।
अलग राज्य बनने के बाद झारखंड में पहला विधानसभा चुनाव 2005 में हुआ था। इस विधानसभा चुनाव में केवल दो मुसलमान विधायक बने थे। वहीं दूसरा विधानसभा चुनाव 2009 में हुआ और इसमें सबसे ज़्यादा पाँच मुसलमान विधायक चुने गए। 2009 में झारखंड का विधानसभा चुनाव बहुकोणीय हुआ था और इसका फ़ायदा मुस्लिम प्रत्याशियों को मिला था। इन पाँच में से दो कांग्रेस, दो झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और एक झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के थे।
2014 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से मुसलमानों का प्रतिनिधित्व दो सीटों पर सिमट कर रह गया। आलमगीर आलम और इरफ़ान अंसारी कांग्रेस के टिकट से जीते थे।