जी-20 शिखर सम्मेलन : शी चिनफिंग का विश्व अर्थतंत्र और व्यापार पर व्याख्यान

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बीजिंग, 28 जून (आईएएनएस)| चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 28 जून को जापान के ओसाका में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में विश्व की आर्थिक स्थितियों और व्यापार के सवाल पर व्याख्यान दिया। शी ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट के एक दशक बाद विश्व अर्थतंत्र एक बार फिर चौराहे पर खड़ा है। संरक्षणवाद, एकतरफावाद और व्यापारिक तनाव के फैलने से विश्व अर्थतंत्र में अनिश्चितता बढ़ी है और निवेशकों का विश्वास कमजोर होने लगा है। जी-20 विश्व आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। इस कुंजीभूत काल में हमें विश्व अर्थतंत्र और शासन की सही दिशा तय करनी चाहिए, ताकि जनता में उम्मीद की किरण पैदा हो सके। हमें आर्थिक संचालन के कानून और बाजार की भूमिका का समादर करना चाहिए, विकास के रुझान के अनुरूप काम करना चाहिए और विश्व के समान भविष्य को ध्यान में रखकर ऐतिहासिक गलतियों से बचना चाहिए।”

चीनी राष्ट्रपति ने अपने भाषण में चार सूत्री सुझाव पेश किए। पहला, रूपांतर और नवाचार के जरिए आर्थिक वृद्धि की शक्तियों की खोज की जानी चाहिए। डिजिटल अर्थव्यवस्था को विकसित करने, इंटरकनेक्शन को बढ़ावा देने और सामाजिक कल्याण व्यवस्था में सुधार लाने से उच्च गुणवत्ता वाला विकास किया जाना चाहिए।


दूसरा, समय के साथ आगे बढ़ने के सिद्धांत पर विश्व के शासन में सुधार करना चाहिए। जी-20 सदस्यों को विश्व अर्थव्यवस्था के खुले, समावेशी, संतुलित और समावेशी विकास की गारंटी करने में नेतृत्वकारी भूमिका अदा करनी चाहिए।

तीसरा, आर्थिक विकास की अड़चन को हल करने के जरिए विश्व के सामने मौजूद समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। चीन ने इसलिए बेल्ट एंड रोड पहल प्रस्तुत की, ताकि अधिकाधिक देशों और क्षेत्रों को वैश्विकरण में शामिल करवाया जाए और उभय जीत वाला विकास संपन्न किया जाए।

चौथा, सहपाठियों की भावना से मतभेदों का ठीक से समाधान किया जाना चाहिए। जी-20 देशों का अर्थतंत्र विश्व का 90 प्रतिशत भाग है। हमारे बीच मतभेद होना स्वाभाविक है, पर हमें सहपाठियों और एक दूसरे का समादर करने की भावना से मतभेदों को नियंत्रित करना चाहिए, जो हमारे खुद के हितों और विश्व की शांति व विकास के अनुकूल होगा।


शी चिनफिंग ने घोषित किया कि चीन हाल में अपनाए गए कदमों के आधार पर कुछ अहम कदम लागू करेगा, ताकि खुलेपन की नई स्थिति पैदा हो सके और देश के अच्च गुणवत्ता वाला विकास साकार हो सके।

पहला, बाजार को ज्यादा खोला जाएगा। चीन जल्द ही चीनी बाजार में विदेशी पूंजी के प्रवेश से जुड़ी 2019 संस्करण वाली नकारात्मक सूची जारी करेगा। कृषि, खनन उद्योग, विनिर्माण उद्योग और सेवा उद्योग में खुलेपन को विस्तार किया जाएगा। छह नए मुक्त व्यापार क्षेत्रों की स्थापना की जाएगी।

दूसरा, सक्रिय रूप से आयात का विस्तार किया जाएगा। चीन टैरिफ को कम करेगा और गैर-टैरिफ व्यापार बाधाओं को दूर करने की कोशिश करेगा। दूसरा चीनी अंतरराष्ट्रीय आयात एक्सपो का अच्छी तरह आयोजन करेगा।

तीसरा, व्यापार वातावरण में लगातार सुधार किया जाएगा। चीन में अगले वर्ष पहली जनवरी को नए विदेशी निवेश कानून प्रभावी होगा, बौद्धिक संपदा अधिकार के संरक्षण वाले स्तर को उन्नत करेगा। अधिकार का उल्लंघन की मुआवजा व्यवस्था लागू की जाएगी।

चौथा, समानता वाला व्यवहार पूर्ण रूप से कार्यान्वयन किया जाएगा। चीन विदेशी पूंजी के प्रवेश की नकारात्मक सूची पर लगाए गए प्रतिबंध को पूर्ण रूप से रद्द करेगा। इसके बाद चीन में पंजीकृत विभिन्न उद्योगों को समान व्यवहार मिलेगा।

पांचवां, आर्थिक व्यापारिक वार्ता को मजबूत किया जाएगा। चीन क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी संबंध संधि संपन्न होने को आगे बढ़ाएगा, चीन-यूरोप निवेश संधि की वार्ता, चीन-जापान-दक्षिण कोरिया मुक्त व्यापार संधि वार्ता की प्रक्रिया में गति देगा।

(साभार–चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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