न्यूयॉर्क, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| जलवायु संकट को दूर करने के लिए दुनिया के सभी कोने में शनिवार को 163 देशों में 40 लाख से अधिक लोग सड़कों पर उतरेंगे, जिसमें 5,800 से अधिक कार्यक्रम होंगे। ऐसा आयोजकों ने अनुमान लगाया है। यह मांग उतनी ही विविधतापूर्ण है, जितनी कि वे जिन क्षेत्रों से आ रहे हैं, लेकिन प्रमुख सवाल अद्वितीय है, जो है कि जीवाश्म ईंधन को जलाने से रोकना और जलवायु संकट को दूर करने के लिए वास्तविक कदम उठाना।
शुक्रवार को 7370 से अधिक वेबसाइटें बंद हो गईं हैं और ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक्स को समर्थन देने के लिए करीब 3000 कंपनियों ने भी अपनी कंपनी बंद रखी है।
जकार्ता से लेकर न्यूयॉर्क सिटी, कराची से अम्मान तक, बर्लिन से कंपाला तक, इस्तांबुल से क्यूबेक तक, ग्वाडलाजारा से असुनसियन तक, बड़े शहरों और छोटे गांवों में लाखों लोगों ने एक साथ मिलकर जलवायु रक्षा के लिए अपनी आवाजें बुलंद कर रहे हैं।
फ्रांस में 40,000 लोग हड़ताल कर रहे हैं, यूक्रेन में 2600, दक्षिण अफ्रीका में 5000, तुर्की में 10000, जापान में 5000, ऑस्ट्रेलिया में 30000; लंदन में 100,000; ऑस्ट्रेलिया में 400,000; न्यूयॉर्क सिटी में 250,000; और जर्मनी में 14 लाख लोग हड़ताल करने वाले हैं।
350 डॉट ऑर्ग के एक्जीक्यूटीव एक्जीक्यूटीव डायरेक्टर मे बोएव ने कहा, “आज हमने एक आंदोलन देखा, जिसमें सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोग शामिल हैं और वे एक साथ मिलकर कोयला, तेल और गैस के प्रयोग के अंत के लिए कह रहे हैं। हमारे पास कोई फर्क नहीं पड़ता है, हम सब एक साथ हैं, क्योंकि हम अपने भविष्य के लिए लड़ रहे हैं।”
शुक्रवार का प्रदर्शन 27 सितंबर तक चलने वाले एक वैश्विक लामबंदी की शुरुआत है।
यह जलवायु सप्ताह 23 सितंबर को आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन को घेरने की तैयारी में है, जो विश्व नेताओं पर पेरिस समझौते को लागू करने और जलवायु चुनौती को पूरा करने का दबाव डालेगा।