JNU नारेबाजी केसः कन्हैया पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार ने नहीं दी मंजूरी

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JNU नारेबाजी केसः कन्हैया पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार ने नहीं दी मंजूरी

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार जेएनयू (JNU) देशविरोधी नारेबाजी मामले में कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar)  समेत 9 लोगों के खिलाफ देशद्रोह (Sedition) का मुकदमा चलाने की दिल्ली पुलिस को अनुमति नहीं देगी। मीडिया खबरों के मुताबिक दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyender Jain) ने इस मामले में अपनी राय दी है। उनका ये कहना है कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने जो साक्ष्य पेश किया है, उसके मुताबिक कन्हैया और अन्यों पर देशद्रोह का मामला नहीं बनता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार के इस विचार से अदालत, दिल्ली पुलिस और उपराज्यपाल सभी को अवगत कराया जाएगा।

मालूम हो कि देशद्रोह (Sedition) के मामले में दिल्ली सरकार (Delhi Government) की अनुमति लेना अनिवार्य है। जानकारों का कहना है कि दिल्ली सरकार की अनुमति मिलने तक कोर्ट चार्जशाीट में देशद्रोह वाली धारा पर संज्ञान नहीं लेगा। अगर दिल्ली सरकार ने अनुमति नहीं दी तो देशद्रोह की धारा अपनेआप खत्म हो जाएगी। पहले भी पुलिस द्वारा दिल्ली सरकार की अनुमति लिए बगैर ही चार्जशीट दाखिल करने पर सवाल उठ रहे थे।


‘कथित देशविरोधी नारे राजनीतिक गुट को चिढ़ाने के लिए थे’

गौरतलब है कि कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) और जेएनयू (JNU) के अन्य छात्रों के खिलाफ देशद्रोह (Sedition) के मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 124 ए के तहत मामला दर्ज किया था। इस पर दिल्ली के गृह मंत्री ने कहा, ‘एफआईआर नं.110/2016 के संदर्भ में पेश किए गए साक्ष्य के मद्देनजर हिंसा भड़काकर राज्य के खिलाफ देशद्रोह और राष्ट्र की संप्रभुता पर हमले का मामला नहीं बनता है।’

सूत्रों के अनुसार, पेश किए गए सबूतों के आधार पर दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन का विचार है कि आरोपियों का हिंसा भड़काने का कोई इरादा नहीं था और मार्च के दौरान लगाए गए नारे को आरोपियों से नहीं जोड़ा जा सकता है। मंत्री ने कहा है कि छात्रों के दो राजनीतिक गुटों ने एक-दूसरे को चिढ़ाने के इरादे से नारे लगाए थे। कथित देशविरोधी नारे अन्य गुट को चिढ़ाने के लिए थे न कि राज्य और उसकी संप्रभुता को चुनौती देने के लिए।

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मालूम हो कि फरवरी 2016 में संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ JNU में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कन्हैया पर उस दौरान मार्च का नेतृत्व करने और भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप था। जेनएयू में कथित देश विरोधी कार्यक्रम को लेकर देश भर में बवाल मच गया था। उस घटना के बाद जेएनयू छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को गिरफ्तार किया गया था।


दिल्ली पुलिस ने इस साल जनवरी में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और अन्यों के खिलाफ देशद्रोह एवं अन्य अपराधों के लिए चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट दाखिल करने से पहले दिल्ली सरकार की अनुमति नहीं ली गई थी। इस साल 23 जुलाई को जब कोर्ट में यह मामला सुनवाई के लिए आया था तो कोर्ट ने पुलिस को दिल्ली सरकार से आवश्यक मंजूरी लेने के लिए दो महीने का समय दिया था। इस केस में 18 सितंबर को सुनवाई की जा सकती है।


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