दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) हिंसा मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा है। ओवैसी ने सोमवार को कहा कि मैं इस हिंसा की निंदा करता हूं। कायर नकाबपोशों ने छात्रों पर डंडों और रॉड से हमला किया। जिन्होंने नकाबपोशों को अंदर आने और बचकर निकलने की इजाजत दी, अब वे ही मामले की जांच करेंगे। ओवैसी ने पूछा कि पुलिस के सामने योगेंद्र यादव को क्यों मारा गया। सरकार को लोगों की चीख क्यों नहीं सुनाई दी। पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर सरकार को मामले का हल करना चाहिए।
A Owaisi: I condemn this violence. There is no doubt these ppl were given the green signal by the powers that be. They had covered their faces in a cowardly way and were allowed to enter JNU with rods&sticks.Worst is there is a video which shows Police allowed them safe passage pic.twitter.com/P70lSm7xjh
— ANI (@ANI) January 6, 2020
बता दें कि कांग्रेस समेत विपक्ष के कई नेताओं ने जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। जेएनयू हिंसा मामले पर प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, कपिल सिब्ब्ल, रणदीप सुरजेवाला, मायावती, अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं के बयान सामने आए हैं। बसपा अध्यक्ष मायावती ने हिंसा की इस घटना को शर्मनाक बताया तो अखिलेश यादव ने तत्काल उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच की मांग की है। वहीं महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि JNU छात्रों पर हमले ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले की याद दिला दी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने हिंसा मामले पर सवाल उठाते हुए कहा कि नकाबपोश लोगों को कैंपस में कैसे घुसने दिया गया। वाइस चांसलर ने क्या किया और पुलिस क्यों मूकदर्शक बनकर खड़ी रही। सिब्बल ने कहा कि इन सभी सवालों के जवाब नहीं हैं, जिससे साफ जाहिर होता है कि ये साजिश की गई है। इस मामले की जांच होनी चाहिए।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यूनिवर्सिटी पर हुआ यह हमला पूर्व नियोजित था। छात्रों, शिक्षकों पर हमला हुआ और दिल्ली पुलिस चुप रही। सुरजेवाला ने कहा कि पूरे देश ने जेएनयू कैंपस में हुए आतंक और गुंडागर्दी को देखा। यह सब जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस की निगरानी में हुआ, जो सीधे गृह मंत्री अमित शाह से नियंत्रित हैं।