जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) ने कोरोना को लेकर किए जा रहे अपने क्लिनिकल ट्रायल को फिलहाल अस्थायी रूप से रोक दिया है। कंपनी की ओर से हाल ही में एक बयान जारी कर कहा गया कि उसने एक वॉलंटियर में एक बीमारी की वजह से अपने ट्रायल को अस्थायी समय के लिए रोक दिया है।
जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि वॉलंटियर की बीमारी की समीक्षा और मूल्यांकन और सुरक्षा निगरानी बोर्ड के साथ-साथ कंपनी के क्लिनिकल और सुरक्षा चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि बड़े ट्रायल में ऐसे अस्थायी अवरोध आते रहते हैं।
जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि इस अध्ययन पर रोक लगाई गई है। इसका मेडिकल से जुड़े रेगुलटरी बोर्ड की ओर से ट्रायल को रोके जाने से कोई मतलब नहीं है। आपको बता दें कि जॉनसन एंड जॉनसन से पहले एस्ट्राजेनेका ने भी सितंबर में अपने वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल पर रोक लगा दी थी।
एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन के एक अध्ययन वॉलंटियर में एक अस्पष्टीकृत बीमारी के कारण अपने ट्रायल पर रोक लगाई थी। हालांकि यूके, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत में परीक्षण फिर से शुरू किए जा चुके हैं, लेकिन अमेरिकी में ट्रायल अभी भी शुरू नहीं हो पाया है।
वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में संक्रामक रोगों के प्रोफेसर डॉ. विलियम शेफ़नर ने ईमेल द्वारा कहा कि एस्ट्राज़ेनेका के साथ जो कुछ घटा उससे हर कोई सतर्क हो गया है। दरअसल यह एक गंभीर प्रतिकूल घटना होगी। यदि यह प्रोस्टेट कैंसर, अनियंत्रित मधुमेह या दिल का दौरा पड़ने जैसा कुछ था – उन्होंने इस कारण से ट्रायल नहीं रोका होगा।
पिछले महीने जॉनसन एंड जॉनसन ने अपने वैक्सीन के ट्रायल के दौरान पाया था कि वह कोरोना के खिलाफ इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में काफी असरदार है। इसके बाद कंपनी ने करीब 60 हजार लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया, जिसके रिजल्ट इस साल के अंत या 2021 की शुरुआत में आने की उम्मीद जताई जा रही है।