जब लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा का पहिया समस्तीपुर में रुका था, जानें लालू प्रसाद यादव का सफर

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Lalu Prasad Yadav Birthday: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का आज 73वां जन्मदिन हैं। फिलहाल लालू चारा घोटाले में रांची के होटवार जेल में सजा काट रहे हैं। बिहार की राजनीति के दिग्गज नेता लालू यादव का नाम जब भी लिया जाता है तो उनकी जो छवि दिमाग में बन कर आती है वो हाजिरजवाब होने के साथ साथ तेज तर्रार होती है। वो एक मसखरे की तरह अपने बोलने के अंदाज से लोगों को हंसाते भी है तो अपनी राजनीतिक कुटनीति से सबको चौंका भी देते हैं। आलोचनाओं के बावजूद लालू ने कभी भी अपने अंजाद में बदलाव नहीं किया। उनका यही अंदाज उनकी पहचान बन गया।

लालू यादव का जन्म 11 जून 1948 को बिहार के परिवार में हुआ। जयप्रकाश नारायण के जेपी आंदोलन से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत करने वाले लालू प्रसाद यादव दो बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्हें 2004-2009 के UPA सरकार के दौरान रेल मंत्री का कार्यभार भी सौंपा गया।


90 के दशक में भाजपा के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी की राम रथ यात्रा ने देश भर में हलचल मचा रखी थी। लेकिन प्रशासन चाहकर भी यात्रा के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा पा रहा था। लेकिन 23 अक्टूबर, 1990 को बिहार के समस्तीपुर से गुजर रही रथ यात्रा का पहिया लालू प्रसाद यादव ने रोक दिया था। आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया और लालू यादव रातों-रात सेक्युलर राजनीति के बड़े नेता बन गए।

हाजिर जवाबी और गंवई अंदाज़ में लालू का कोई सानी नहीं है। लीक से हट कर जीवनशैली उन्हें अलग बनाती है। लालू का सत्तू पीते हुए फोटो भी कई बार सामने आए हैं। खबरों के अनुसार लालू की पसंदीदा डिश झींगा मछली है। लालू के नाम पर ये कहावत सबसे ज्यादा चर्चाओं में रही है। जब तक सरेहा समोसे में आलू तब तक बिहार में रहेगा लालू।

लालू यादव के लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शेखर सुमन, राजू श्रीवास्तव से लेकर कॉमेडियन कपिल शर्मा तक उनके अंदाज की कॉपी करते हैं और लोगों की हंसी बटोरते हैं। यह वो नेता है जो सत्ता से बाहर भले रहे हों लेकिन चर्चा से बाहर कभी नहीं रहे।


चारा घोटाला लालू को अर्श से फर्श पर ले आया, उन्हें जेल जाना पड़ा। लेकिन आज भी अगर आप बिहार के अख़बार पढ़ें और नेताओं के बयानों पर आपकी नज़र जाए तो ये तस्वीर साफ हो जाएगी कि लालू का भूत अभी भी उनके सिर पर सवार है। तमाम विवादों से जुड़े रहने के बावजूद लोगों का लालू से कनेक्ट खास है। आज भी लालू समाज में गहराई तक जमे हुए हैं।

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