कांग्रेस ने सीवीसी जांच पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को सराहा

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नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) विवाद में दखल देने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली ‘असफल सरकार पर टिप्पणी है।’ कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “आज मोदीजी को फिर याद दिलाया गया कि ‘कानून के शासन’ के सामने ‘मोदी शासन’ बुरी तरह विफल हुआ।”

कांग्रेस ने कहा, “दखल देने, घुसपैठ करने या संस्थानों को कब्जाने के खुल्लमखुल्ला प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भारत के लोग आपको (मोदी) 2019 में याद दिलाएंगे कि खराब सरकार अपने समापन तिथि के साथ आती है!”


शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच की निगरानी के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के.पटनायक की नियुक्ति कर दी। साथ ही अदालत ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को जांच पूरा करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया।

सुरजेवाला ने कहा कि यह आदेश सरकार के अदालत में विरोध के बावजूद आया है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस.के.कौल व न्यायमूर्ति के.एम.जोसेफ ने जांच की निगरानी को ‘अपवाद’ बताया है और अंतरिम निदेशक एम.नागेश्वर राव को दैनिक प्रशासन के अलावा सभी शक्तियों से अलग रखा है।

कांग्रेस ने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “इतिहास नहीं भूलेगा कि आपने कैसे दो प्रमुख संस्थानों सीबीआई व सीवीसी की प्रतिष्ठा को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। इस विश्वास की कमी का एकमात्र कारण आप हैं!”


कांग्रेस ने कहा कि इसके साथ फिर से मोदी सरकार की सीबीआई को प्यादों के जरिए कब्जाने का कुटिल प्रयास चित्त हो गया है।

कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को इसे ‘तानाशाह के मुंह पर तमाचा समझना चाहिए, जो सीबीआई की स्वतंत्रता में अंतिम कील गाड़ना चाहता था।’

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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