नई दिल्ली, 15 दिसंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय ऑडिटर कैग ने निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं जैसे एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स (ईपीसीजी) में कमियां, एंटी-डंपिंग ड्यूटी से बचने के अलावा गैर अनुपालन के कई मामले पाए हैं।
इससे वित्त वर्ष 2017-18 सरकारी खजाने को राजस्व की हानि हुई है। इस अवधि के दौरान कई मामलों में एंटी डंपिंग ड्यूटी के शार्ट-लेविंग या नो लेविंग की 86.69 करोड़ रुपये की राशि सामने आई। इस तरह से व्यापारियों पर 306 करोड़ रुपये की राशि बकाया है, जिन्होंने ईपीसीजी के लाभ को उठाया, लेकिन निर्यात के दायित्वों को पूरा नहीं किया।
एंटी-डंपिंग ड्याटी के नॉन/शार्ट लेविंग के संदर्भ में विभाग (कस्टम्स) ने 53 करोड़ रुपये की निगरानी की बात स्वीकार की और 1.20 करोड़ रुपये की वसूली की बात कही।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऑडिट सिफारिशों पर सरकार के आश्वासन के बावजूद ईपीसीजी लाइसेंसों के नियंत्रण और निगरानी तंत्र में कोई संतोषजनक सुधार नहीं हुआ।
कैग ने कहा, “306 करोड़ रुपये का राजस्व ईपीसीजी योजना का फायदा उठाने वाले निर्यातकों/आयातकों के बकाए की वजह से है। उन्होंने ईपीसीजी योजना का फायदा उठाया लेकिन निर्यात दायित्वों/शर्तो को पूरा नहीं किया।”