Kannada Rajyotsava 2019: कर्नाटक में एक नवंबर के दिन को हर साल कन्नड़ राजोत्सव के तौर पर मनाया जाता है। 1956 में इसी दिन दक्षिण भारत के कन्नड़ बोलने वाले प्रदेशों को मिलाकर कर्नाटक बनाया गया था। इस बार 1 नवंबर, 2019 को कर्नाटक अपना 64वां दिवस मनायेगा।
Kannada Rajyotsava: इतिहास और महत्व
राज्य पुनर्गठन अधिनियम के पारित होने के साथ 1 नवंबर, 1956 को मैसूर राज्य की स्थापना हुई थी। इसी दिन सभी कन्नड़ भाषी क्षेत्रों को एक साथ मिला कर मैसूर राज्य की स्थापना हुई थी। हालांकि कुछ क्षेत्रों द्वारा नाम को स्वीकार नहीं किया गया था और लंबे समय तक चर्चा के बाद 1 नवंबर, 1973 को इसे फिर से नाम दिया गया था।
Kannada Rajyotsava: कन्नड़ राज्योत्सव का उत्सव
दिन का उत्सव कर्नाटक सरकार द्वारा राज्योत्सव के लिए सम्मान सूची की प्रस्तुति के साथ शुरू होता है। इस मौके पर राज्य का आधिकारिक कर्नाटक ध्वज फहराया जाता है और राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल का भाषण होता है।
लाल और पीले रंग के कन्नड़ झंडे सड़कों, घरों और संस्थानों के साथ कर्नाटक के पूरे राज्य में राज्योत्सव के दौरान एक उत्सव की तरह दिखते हैं। राजनीतिक दलों और विभिन्न इलाकों के कार्यालयों में भी राज्य ध्वज फहराया जाता है। चूंकि यह एक धार्मिक त्योहार नहीं है, इसलिए यह दिन हिंदुओं, मुसलमानों और ईसाइयों सभी द्वारा भी मनाया जाता है।
कर्नाटक में 1 नवंबर एक सार्वजनिक अवकाश है, इसलिए व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर उत्सव सप्ताह के अगले दिनों में होते हैं। शहर के लगभग सभी कार्यालय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कन्नड़ झंडे प्रमुखता से फहराए और प्रदर्शित किए जाते हैं।