डिंपल यादव को हराने का मिला इनाम, सुब्रत पाठक बनेंगे मोदी कैबिनेट में मंत्री

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किसी ने सही ही कहा है- कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, 21 साल बाद इत्रनगरी कन्नौज में भगवा परचम लहराने वाले सुब्रत पाठक पर ये पंक्ति बिल्कुल सटीक बैठती है। खबरों के अनुसार सुब्रत पाठक को मोदी कैबिनेट में जगह मिलना तय माना जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह से पहले पीएमओ की तरफ से उन्हें फोन कॉल आई है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को 12,553 मतों से हराया है।

छात्र जीवन में ही बीजेपी से जुड़े

शहर के पीएसएम कॉलेज में पढ़ाई के दौरान छात्र जीवन से ही बीजेपी से जुड़कर खुद को स्थापित किया। छात्र राजनीति से सियासत की दुनिया में कदम रखने वाले सुब्रत पाठक ने अपने तीसरे चुनाव में सांसद बनने में कामयाबी हासिल की है। सांसद बनने से पहले वह भाजपा और उससे जुड़े संगठन में सक्रिय रहे हैं। भाजयूमो के जिलाध्यक्ष से लेकर भाजपा के जिलाध्यक्ष के सफर के दौरान उन्होंने जिले में भाजपा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। सपा का दुर्ग बन चुके इस जिले में भगवा परचम लहराने के उनके संघर्ष का ही नतीजा था कि पिछले दो लोकसभा चुनाव में उनकी शिकस्त के बावजूद पार्टी ने उन पर भरोसा बरकरार रखा।


संसद पहुंचने का सफ़र

2009 के चुनाव में अखिलेश यादव के मुकाबले तीसरे नम्बर पर रहे थे। हार के बावजूद पार्टी ने उनपर भरोसा रखा और निकाय चुनाव में उनकी मां सरोज पाठक को पालिकाध्यक्ष का टिकट दिया। जनता का प्यार पाकर वह पालिकाध्यक्ष बन गईं।

उसके बाद 2014 के चुनाव में पार्टी ने फिर से मौका दिया और वह डिंपल यादव के मुकाबल मैदान में उतरे। सुब्रत पाठक दूसरे नंबर पर रहे थे। उन्हें डिंपल यादव ने 19,907 वोट से हराया था। पिछले चुनाव में कन्नौज सीट पर 62.91 फीसदी वोटिंग हुई थी, जिसमें सपा की डिंपल यादव को 43.89 फीसदी (4,89,164) वोट मिले थे, जबकि सुब्रत पाठक को 42.11 फीसदी (4,69,257) पड़े थे। कड़े मुकाबले में उन्हें शिकस्त जरूर मिली, लेकिन उन्होंने सपा के दुर्ग में दरार जरूर डाल दी।

उस हार के बाद भी पार्टी का भरोसा कम नहीं हुआ और पहले भाजयूमो का प्रदेश अध्यक्ष और उसके बाद प्रदेश संगठन में मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी। इस बार जब फिर चुनावी बिगुल बजा तो कई दावेदारों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने फिर से उन पर भरोसा जताया और टिकट देकर मैदान में उतार दिया। तीसरी कोशिश में सुब्रत पाठक को कामयाबी मिल गई और वह सपा के इस किला को फतह करने में कामयाब हो गए। कारोबारी घराने से ताल्लुक रखने वाले सुब्रत पाठक ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल को हराकर शानदार जीत दर्ज की। सुब्रत पाठक ने 12,353 वोटों से जीत दर्ज की। उन्हें 49.37 फीसद वोट मिले, जबकि डिंपल यादव 48.29 फीसदी वोट ही पा सकीं।


आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुब्रत पाठक को 5,63,087 वोट मिले। जबकि डिंपल को 5,49,200 वोटों से संतोष करना पड़ा।

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