कर्नाटक की भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही राज्य की पिछली गठबंधन सरकार के फैसलों को पलटना शुरु कर दिया है। भाजपा सरकार ने टीपू सुल्तान के जयंती समारोह पर रोक लगा दी है। सोमवार को हुए कैबिनेट की बैठक में टीपू जयंती नहीं मनाने का फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कन्नड़ संस्कृति विभाग को आदेश जारी कर दिया गया है। इससे पहले टीपू जयंती समारोह 2015 में सिद्धारमैया सरकार द्वारा शुरू किया गया था और हर साल नवंबर में मनाया गया था।
गौरतलब है कि प्रदेश में पिछली जेडीएस-कांग्रेस सरकार ने भाजपा के विरोध के बाद भी टीपू जयंती पर कार्यक्रम किया था। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि प्रदेश में टीपू जयंती मनाने की कभी परंपरा नहीं रही है और इसलिए हमने इसे नहीं मनाने का फैसला किया।
जयंती के विरोध में रहे हैं येदियुरप्पा
येदियुरप्पा ने साल 2018 में आयोजित किए गए टीपू सुल्तान जयंती का विरोध करते हुए ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, “हमलोग टीपू सुल्तान की जयंती पर होने वाले कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं, कोई भी इसके हक़ में नहीं है। मैं चाहता हूं कि राज्य सरकार इसे बंद करे। सरकार इस कार्यक्रम के जरिए मुस्लिम समुदाय को खुश करना चाहती है।”
We are opposing Tipu Jayanti celebration. Nobody will appreciate this celebration. In the interest of the state, state govt must stop it. Government’s intention behind Tipu Jayanti celebration is just to satisfy Muslim community.
— B.S. Yediyurappa (@BSYBJP) November 8, 2018
पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने की थी जयंती मनाने की शुरुआत
कांग्रेस के शासनकाल में पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने टीपू जयंती मनाने की शुरुआत की थी। उस वक्त भी भाजपा समेत कई राजनीतिक-सामाजिक संगठनों ने जयंती मनाने का विरोध किया था। भाजपा शुरू से ही टीपू जयंती मनाने के खिलाफ रही है। अंग्रेजों के खिलाफ 4 युद्ध लड़नेवाले टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर काफी राजनीतिक विवाद होता रहा है।
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