चंद्रशेखर राव और स्टालिन के बीच मुलाकात में हुई चर्चा– नहीं चाहिए बीजेपी सरकार

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चंद्रशेखर राव और स्टालिन के बीच मुलाकात में हुई चर्चा- नहीं चाहिए बीजेपी सरकार

तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन के बीच सोमवार को हुई बैठक सुर्खियों में रही। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद केंद्र में गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस के विकल्प के रूप में क्षेत्रीय दलों का गठबंधन बनाने के मसले पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। हालाँकि, सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं के बीच वार्ता इस मसले पर हुई कि केंद्र की सत्ता में नरेंद्र मोदी-नीत बीजेपी सरकार नहीं आ सकती और इस स्थिति में पैदा हुए राजनीतिक हालात से कैसे निपटा जाए।

द न्यूज़ मिनट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मीटिंग की शुरुआत में ही एमके स्टालिन ने राहुल गांधी को समर्थन करने की वजहें बताई। स्टालिन यूपीए खेमे के पहले नेता थे जिन्होंने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की बात कही थी। सूत्रों के अनुसार, स्टालिन ने केसीआर से कहा कि उनकी पार्टी को भी केंद्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक स्टालिन ने चंद्रशेखर राव को दो टूक कहा कि केंद्र में सत्ता परिवर्तन के किसी भी प्रयास से कांग्रेस को बाहर रखना बेमतलब की बात होगी और फेडरल फ्रंट उनकी पहली पसंद नहीं होगी।


टीआरएस सूत्रों की मानें तो स्टालिन के इस प्रस्ताव से चंद्रशेखर राव सहमत थे, लेकिन उन्होंने क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन को कांग्रेस द्वारा बाहर से समर्थन देने की संभावना पर भी चर्चा की। टीआरएस के एक नेता ने बताया, “हम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को सत्ता में नहीं आने देंगे। भले ही इसके लिए कांग्रेस को समर्थन करना पड़े या उनसे समर्थन लेना पड़े।”

डीएमके सूत्रों ने बताया कि मीटिंग में स्टालिन ने पूरी मजबूती से राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस-नीत सरकार बनाने का प्रस्ताव रखा। इस पर चंद्रशेखर राव ने कहा कि अगर उनकी पार्टी को ऐसी सरकार का समर्थन करना पड़ा तो वह ये सुनिश्चित करेंगे कि राज्यों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुँच सके। साथ ही अगली सरकार समावेशी और संघीय (फेडरल) हो।

गौरतलब है कि तेलंगाना में अपने चुनाव प्रचार के दौरान चंद्रशेखर राव लगातार कहते रहे हैं कि वो बीजेपी और कांग्रेस दोनों से बराबर दूरी बनाये हुए हैं। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में चीजें तेजी से बदली हैं। टीआरएस के एक नेता का कहना है कि तेलंगाना में बीजेपी उनके लिए कोई खतरा नहीं है। केंद्र की राजनीति में कांग्रेस के साथ भविष्य में कोई समझौता होता है तब भी प्रदेश में उन्हें हैंडल किया जा सकता है। बीजेपी सरकार ने तेलंगाना के लिए क्या किया?


टीआरएस नेता के अनुसार प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी या किसी क्षेत्रीय नेता को समर्थन देने के लिए राजी चंद्रशेखर राव बीजेपी को भी ये संकेत देने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें हल्के में न लिया जाए। इसके अलावा राव के लिए कांग्रेस के साथ आना ज्यादा सुरक्षित है। क्योंकि बीजेपी का समर्थन करने से तेलंगाना में अल्पसंख्यक समुदाय के वोट कांग्रेस की ओर सरक सकते हैं, जिससे टीआरएस को काफी नुकसान हो सकता है।

2018 में भी हुई थी दोनों के बीच मुलाकात

आपको बता दें कि इससे पहले अप्रैल 2018 में राव और स्टालिन के बीच मुलाकात हुई थी। सूत्रों ने बताया था कि उस मीटिंग में राव ने राज्यों के अधिकारों और स्वायत्तता पर बात की थी और क्षेत्रीय दलों के हाथ मिलाने पर जोर दिया था, लेकिन डीएमके ने केसीआर से कहा था कि कांग्रेस के बिना बनने वाला कोई भी गठबंधन बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकता है।

पिछले साल के आखिर में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल करने के बाद राव ने तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और उत्तर प्रदेश में दमदार सियासी हैसियत वाले नेताओं अखिलेश यादव और मायावती से मुलाकात की थी। राव ने इन नेताओं से मुलाकात में क्षेत्रीय दलों का गठबंधन बनाने पर जोर दिया था। हाल में उन्होंने कर्नाटक के सीएम एच डी कुमारस्वामी और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से भी मुलाकात की थी।

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