केंद्रीय मंत्री तोमर ने दिग्विजय के सवाल पर कहा, किसान समाजसेवी ही हैं

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नई दिल्ली/भोपाल, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि किसान भी समाज सेवा का ही काम करता है, इसलिए वह समाजसेवी ही हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह बात मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा उनके किसान होने पर उठाए गए सवाल पर कही।

देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चार सप्ताह से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान किसान संगठनों के नाम केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा लिखे पत्र को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तोमर के किसान होने पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के समय चुनाव आयोग को दिए गए शपथपत्र में केंद्रीय मंत्री तोमर ने खुद को समाजसेवी बताया था, मगर अब किसान बताया है।


दरअसल, तोमर ने देश के किसानों के नाम लिखे आठ पेज के पत्र में खुद को किसान परिवार से बताया है जिस पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है। इसी पत्र के सिलसिले में आईएएनएस के एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा, किसान समाजसेवा का काम करता है, इसलिए वह भी समाजसेवी ही है।

मध्यप्रदेश के मुरैना से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर केंद्र सरकार में ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभागों के भी मंत्री हैं। मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए कृषि सुधार में तोमर की सक्रिय भूमिका रही है और नये कृषिद कानूनों के विरोध में उतरे किसानों के साथ हुई पांच दौर वार्ताओं में मंत्रि-स्तर की चार दौर की वार्ताओं की अगुवाई उन्होंने ही की है। तोमर ने बुधवार को फिर उम्मीद जताई कि प्रदर्शनकारी किसान यूनियन सरकार के साथ फिर वार्ता करेंगे और किसानों के मसले का जल्द ही समाधान होगा।

दिग्विजय सिंह ने तोमर को लिखे पत्र में कहा है- आपका किसानों को लिखा गया आठ पेज का पत्र पढ़ा, कृषि मंत्री होने के नाते आपके द्वारा पत्र में व्यक्त संभावनाओं को समझने का मैंने प्रयास भी किया। इस पत्र को पढ़कर लगा कि इसका मजमून आपके द्वारा तैयार नहीं किया गया है, शायद किसी और की मंशा को आपके हस्ताक्षर से भेजने के लिए मजबूर किया गया है।


पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है, इस पत्र में आपने खुद को किसान परिवार का बताया है, जबकि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में शपथपत्र में चुनाव आयोग को संपत्ति का जो ब्यौरा आपने दिया गया था, उसमें आपकी ओर से किसी भी तरह की कृषि भूमि न होने का उल्लेख था। चुनाव आयोग को दिए गए शपथपत्र के व्यवसाय के कॉलम में किसान नहीं, बल्कि समाजसेवी होने का हवाला आपके द्वारा दिया गया था।

तोमर द्वारा किसानों को लिखे गए पत्र का जिक्र करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि अन्नदाता को कृषि सुधारों से संबंधित आश्वासन आठ पेज के पत्र के अंत में दिया गया है, वास्तव में यदि संसद में चर्चा करके कृषि संबंधी तीनों कानूनों को संसद की प्रवर समिति को सौंप दिया गया होता तो इस आंदोलन की नौबत नहीं आती।

–आईएएनएस

पीएमजे/एसएनपी/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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