केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नया लनिर्ंग मैनेजमेंट सिस्टम लॉन्च

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नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने लॉक डाउन को देखते हुए नया लनिर्ंग मैनेजमेंट सिस्टम लॉन्च करने का फैसला लिया है। नया लनिर्ंग मैनेजमेंट सिस्टम, इन्फ्लिबीनेट केंद्र के सहयोग से बनाया और चलाया जाएग। कॉलेज के छात्रों को इस आधुनिकतम तरीके से शिक्षा मुहैया कराने की सर्वप्रथम शुरूआत महेंद्रगढ़ केंद्रीय यूनिवर्सिटी द्वारा की गई है।

महेंद्रगढ़ केंद्रीय यूनिवर्सिटी में शिक्षा के इस नए इस प्लेटफॉर्म को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. सी. कुहाड़ व इन्फ्लिबीनेट केंद्र के निदेशक प्रो. जे.पी. सिंह जुरेल ने स्काइप के माध्यम से लॉन्च किया।


इस अवसर पर विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता व विभागाध्यक्ष भी ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. सी. कुहाड़ ने कहा, “इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से विद्यार्थियों व संकाय सदस्यों को एक मंच पर ई.पीजीपी सामग्री उपलब्ध होगी। शुरूआत में इस पोर्टल पर 37 पाठ्यक्रम उपलब्ध है। इस ऑनलाइन लनिर्ंग सिस्टम में परिचर्चाए असाइनमेंट व वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध है।”

उन्होंने कहा, “यह प्रणाली ऐसी स्थिति में बहुत कारगर साबित होगी जब विद्यार्थी व शिक्षक किसी कारणवश प्रत्यक्ष संपर्क में न हों। इन्फ्लिबीनेट सॉफ्टवेयर की यह सुविधा उच्च शिक्षा के शिक्षण संस्थानों के लिए बहुत उपयोगी रहेगी और यह देश में शिक्षा के प्रतिमान को बदलने वाली होगी।”


प्रो. कुहाड़ ने कहा,’ ‘ऑनलाइन शिक्षा का रोडमैप तैयार करने की दिशा में सरकार के स्तर जारी प्रयासों में हमारा यह कदम उल्लेखनीय साबित होगा। यह खुशी की बात है कि यह शुरूआत करने वाला हमारा केंद्रीय विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय है।”

कुलपति ने इस अवसर पर इन्फ्लिबीनेट केंद्र के निदेशक प्रो. जे.पी. सिंह जुरेल सहित इस पोर्टल से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप जुड़े लोगों का आभार व्यक्त किया।

गौरतलब है कि पीएचडी और एमफिल व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ‘शोध सिंधु’ जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराए हैं। शोध सिंधु के माध्यम से छात्रों को हजारों जर्नल और लाखों पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेंगी।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक ई. प्लेटफार्म शोध सिंधु के माध्यम से छात्र को 10,000 राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय जर्नल और 31 लाख 35 हजार पुस्तकों उपलब्ध कराई गई हैं।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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