केरल में फिर से कहर बरपा सकता है निपाह वायरस, जानें इसके लक्षण और बचाव के बारे में…

  • Follow Newsd Hindi On  
केरल में फिर से कहर बरपा सकता है निपाह वायरस, जानें इसके लक्षण और बचाव के बारे में...

केरल का एक छात्र निपाह वायरस (Nipah Virus) का शिकार हो गया है। सरकार द्वारा इस खबर की पुष्टि के बाद से लोगों में दहशत है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, केरल में 86 लोगों के निपाह की चपेट में होने की आशंका है। इसके मद्देनजर उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। छात्र के संपर्क में आने वाले 4 लोगों की भी निगरानी की जा रही है। इनमें दो छात्र के दोस्त हैं और दो नर्स जिसने उसका इलाज किया था। ऐसे में निपाह के केरल (Kerala) के रास्ते दूसरे राज्यों में भी फैलने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। आपको याद दिला दें कि पिछले साल भी केरल में निपाह ने कहर बरपाया था जिससे कई लोगों की मौत हो गई थी।

क्या होता है निपाह वायरस ?

निपाह वायरस एक ऐसा वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। आमतौर पर इस वायरस का मुख्य स्रोत चमगादड़ है। यह जानवरों और इंसानों दोनों में गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। निपाह वायरस संक्रमित सूअरों, चमगादड़ों के लार, मूत्र या मल द्वारा संचारित होता है। यह एक बेहद खतरनाक और संक्रामक वायरस है। यह एक मानव से दूसरे मानव में श्वास के जरिए फैल सकता है। निपाह वायरस के संपर्क में आने पर सांस लेने में दिक्कत, बुखार, बदन दर्द, कफ आदि की समस्या हो सकती है। इस बीमारी से ग्रसित होने पर व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है।


कहां से आया निपाह ?

सबसे पहले इस वायरस की पहचान साल 1998 में मलेशिया के निपाह इलाके में हुई थी। तब वहां दिमागी बुखार का संक्रमण था। यह बीमारी चमगादड़ों के जरिए इंसानों में आ गई। इसकी चपेट में आने वाले ज्यादातर लोग सूअर पालन केंद्र में काम करते थे। भारत में सबसे पहले निपाह वायरस के केस सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में 2001 में और फिर 2007 में पाए गए। 2018 में भी केरल में निपाह ने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था। अब इस वायरस के केरल में फिर से फैलने की खबरें आ रही हैं।

निपाह वायरस के क्या हैं लक्षण और इलाज

निपाह वायरस के लक्षण दिमागी बुखार की तरह ही हैं। शुरुआत में सांस लेने में दिक्कत, बुखार, बदन दर्द और कफ आदि की समस्या हो सकती है। इसकी चपेट में आने वाले मरीज को भयानक सिर दर्द होता है। दुनिया के कई देशों में फैलने के बाद भी अब तक निपाह वायरस का कोई एंटी डॉट नहीं बन पाया है। इसका एक मात्र इलाज यही है कि संक्रमित व्यक्ति को डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाए।

निपाह से बचने के लिए बरतें ये सावधानी

साफ-सफाई की सहज आदतें अपनाएँ। बार-बार हाथ धोएं। भोजन अच्छी तरह पकाने के बाद ग्रहण करने से आप दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले निपाह वायरस के संपर्क में आने से बच सकते हैं। चमगादड़ों से बचना चाहिए। चमगादड़ों के संपर्क में रहे पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा सूअरों के संपर्क से भी बचना चाहिए। सबसे जरूरी है कि निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए। जिन इलाकों में निपाह फैला हो वहां जाने से बचें और वहां के लोगों के संपर्क में नहीं आएं।


(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)