केरल में क्वारंटीन के लिए भुगतान पर बवाल बाद पुनर्विचार

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तिरुवनंतपुरम, 27 मई (आईएएनएस)। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन द्वारा मंगलवार को यह घोषणा करने पर कि विदेश से लौटने वाले केरलवासियों के कारण कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है और उन्हें अब संगरोध के लिए भुगतान करना होगा, को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को और कई शीर्ष नेताओं ने इसकी आलोचना की।

अब ऐसा मालूम पड़ता है कि इस बवाल ने विजयन को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है।


संगरोध नियमों के अनुसार, विजयन ने मंगलवार को जिसकी घोषणा की, अब से विदेश से लौटने वाले सभी लोगों को एक सप्ताह के लिए संस्थागत संगरोध के लिए जाना है और फिर एक और सप्ताह के लिए अपने घर पर रहना है।

बुधवार को दो बार के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि विजयन का यह निर्णय एक अमानवीय कृत्य है।

चांडी ने कहा, “यह केरल के लिए शर्म की बात है और हमारे प्रवासी भारतीयों के लिए एक गहरा अपमान है, जो लंबे समय से राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। वे आ रहे हैं, अपना टिकट खरीद रहे हैं और फिर उनका अपमान किया जा रहा है। उन्हें संगरोध के लिए भुगतान करने के लिए कहा जाता है। यह स्वीकार्य नहीं है और इस पर पुनर्विचार करना होगा।”


इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सदस्य पी.के. कुन्हलिकुट्टी ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में इस नए नियम को प्रभावी नहीं किया जाना चाहिए।

मंगलवार से राज्य में इस मुद्दे पर हंगामा हो रहा है और कई प्रवासियों ने इसकी निंदा की है।

लंबे समय से विजयन सरकार कह रही है कि सभी व्यवस्थाएं तैयार हैं और उन्होंने संगरोध के लिए 1.50 लाख से अधिक बेड बनवाए हैं, इसके अलावा हाउसबोट सहित 9000 कमरे बनाए गए हैं, जिनका उपयोग भुगतान संगरोध के लिए किया जाएगा।

कई लोगों द्वारा आलोचना के बाद बुधवार सुबह विजयन की अध्यक्षता में साप्ताहिक बैठक हुई और शाम को उनके द्वारा इस संदर्भ में घोषणा किए जाने की उम्मीद है, जब वह मीडिया से मिलेंगे।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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