तिरुवनंतपुरम, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)| सदी की सबसे विनाशकारी बाढ़ से सामना करने के बाद केरल अपने पैरों पर फिर से खड़े होने के लिए हर संभव तरीके से कोष एकत्र कर रहा है।
ऐसे में राज्य के विधायकों के लिए प्रस्तावित 80 करोड़ रुपये के अपार्टमेंट परिसर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। प्रस्तावित योजना राजधानी के मध्य स्थित एक पुराने विधायक कांप्लेक्स को ढहाकर उसकी जगह एक बहुमंजिला आवासीय परिसर का निर्माण करने की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व केरल विधानसभा के पूर्व स्पीकर वी. एम. सुधीरन ने कहा कि इसमें कोई संशय नहीं कि विधायकों को अपनी कार्यक्षमता सुधारने के लिए सुविधा मिलनी चाहिए लेकिन इस वक्त करोड़ों रुपये की परियोजना के साथ आगे बढ़ना हैरान करने वाला है।
उन्होंने कहा, “बाढ़ से पैदा सबसे बड़े संकट से प्रभावित राज्य में सभी प्रयास और फंड हमारे राज्य के पुनर्निर्माण में लगाए जाने चाहिए क्योंकि लाखों लोग इससे जूझ रहे हैं।”
सुधीरन ने मीडिया को बताया, “मैं यह नहीं कहूंगा कि यह परियोजना रद्द कर देनी चाहिए लेकिन इस पर अभी काम नहीं होना चाहिए।”
अनुमान के मुताबिक बाढ़ ने राज्य में 40 हजार करोड़ से ज्यादा की तबाही मचाई है। पिनाराई विजयन सरकार ने राज्य में पुनर्निर्माण के लिए सभी से एक महीने की तनख्वाह का योगदान करने का आह्वान किया है।
इस अपार्टमेंट के पुनर्निर्माण प्रस्ताव को पिछली ओमान चांडी सरकार में प्रस्तुत किया गया था और विजयन सरकार इसे लेकर आगे बढ़ रही है।
केरल राज्य वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष बी.ए. प्रकाश ने मीडिया को बताया कि जब राज्य फंड के लिए हाथ पैर मार रहा है, उस वक्त इस परियोजना के साथ आगे बढ़ना निर्वाचित सरकार के लिए सही नहीं है।
प्रकाश ने कहा, “राज्य के व्यापक हित में विधायक कुछ वक्त के लिए इंतजार कर सकते हैं, विशेषकर जब राज्य बाढ़ के परिणामों से उबरने की कोशिश कर रहा है।”
मामले के मीडिया में आने के बाद केरल विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन ने संबंधित अधिकारियों से परियोजना पर धीरे आगे बढ़ने को कहा है।