खेतों में पराली-दहन रोकने को शुरू की ‘सुखदा-साह’ की पहल

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पटियाला, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| पराली-दहन से होने वाले प्रदूषण से निजात दिलाने के मकसद से कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) एवं सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) ने गुरुवार को पटियाला के गांव जस्सो माजरा में एक विशेष कार्यक्रम ‘सुखदा-साह’ लांच किया।

सीआईआई और सियाम की इस पहल में सहकारी समितियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और जस्सो माजरा, भोरे और मालेवड़ गांवों के करीब 1,500 किसानों को एकजुट किया, जिन्होंने 7,000 एकड़ में लगी अपनी फसल की पराली नहीं चलाने की शपथ ली।


‘सुखदा-साह’ की पहल के जरिए किसानों में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही, इसके माध्यम से किसानों को खेतों में पराली का निपटान करने के लिए आधुनिक उपकरण मुहैया करवाए जाएंगे।

पटियाला के एडीसी शौकत अहमद परे ने कहा, “हरित क्रांति के आरंभिक दिनों में किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन आखिर में हरित क्रांति उनके लिए फायदेमंद साबित हुई। आज पंजाब के किसानों को इसी तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। फसलों का भूसा जलाने और पानी की अनुपलब्धता जैसी समस्याओं को हल कर हम भविष्य के लिए स्थायी समाधान प्रस्तुत करेंगे।”

पंजाब प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के निदेशक चरणजीत सिंह ने कहा कि फसलों का अवशेष मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार ला सकता है, साथ ही वायु प्रदूषण को कम करने में भी योगदान दे सकता है।


सीआईआई पंजाब राज्य परिषद के चेयरमैन तथा कैपिटल स्मॉल फाइनेन्स बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सर्वजीत सिंह समरा ने कहा, “सीआईआई वायु प्रदूषण की समस्या को समझने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ काम करती रही है, इसके लिए सीआईआई ने आधुनिक तकनीकों के साथ पायलट परियोजनाओं का संचालन किया है। लुधियाना और पटियाला में गहन अध्ययन और काम करने के बाद सीआईआई अगले साल इस पहल का व्यापक पैमाने पर विस्तार करेगी।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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