खिचड़ी मेला: आस्था के साथ पर्यावरण का भी हो रहा सम्मान

  • Follow Newsd Hindi On  

गोरखपुर, 13 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर अपनी जिम्मेदारियों को भी पूरा कर रहे हैं। गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर परिसर में पहुंचने पर इसका अहसास होता है।

गोरखनाथ मंदिर को नाथ पीठ (गोरक्षपीठ) का मुख्यालय भी माना जाता है। इस मंदिर परिसर में कदम-कदम पर आस्था के साथ पर्यावरण का सम्मान होता दिखाई देता है। समूचा मंदिर परिसर प्लास्टिक मुक्त है, यहां आने वाले श्रद्धालु अपने साथ कपड़े और कागज के बने थैलों में खिचड़ी लेकर आ रहे हैं। हालांकि खिचड़ी मेले की शुरूआत 14 जनवरी से होनी है, लेकिन अभी से लोगों के खिचड़ी लेकर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। मंदिर परिसर में पहुंचने वाला कोई भी श्रद्धालु प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग नहीं कर रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से खिचड़ी कपड़े या कागज के थैले में लेकर आने का आग्रह किया था। उनके इस आग्रह का पालन करते हुए गांव-गांव से खिचड़ी लेकर पहुंच रहे श्रद्धालु मंदिर परिसर में दिखायी दे रहे हैं।


पर्यावरण की रक्षा के प्रति लोगों की आस्था को भी प्रकट करता है। यह भी साबित करता है कि निस्वार्थ भाव और जनहित में किये गए आग्रह का समाज सम्मान करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीती दो जनवरी की सुबह गोरखनाथ मंदिर भ्रमण के दौरान खिचड़ी मेला ग्राऊंड का निरीक्षण करते हुए श्रद्धालुओं से यह अपील की थी कि खिचड़ी मेले में श्रद्धालु खिचड़ी कपड़े या कागज के थैले में लेकर आएं। खिचड़ी मेला परिसर में प्रतिबंधित पॉलिथीन और डिस्पोजल का इस्तेमाल न किया जाये। पर्यावरण संरक्षण और प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लेकर मुख्यमंत्री की इस अपील का असर हुआ। मंदिर परिसर के समीपवर्ती क्षेत्र को गोरखपुर नगर निगम ने पालीथीन मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया। इसके साथ ही मंदिर परिसर में प्लास्टिक के थैलों के उपयोग को रोकने के लिए प्रचार प्रसार शुरू किया गया। गोरखपुर नगर निगम ने भी थैला धरा का आभूषण दूर करें प्रदूषण के नारे लिख पोस्टर बैनर मंदिर और मेला परिसर में जगह जगह लगवाये गए हैं।

बावजूद अगर इसके कोई पॉलीथिन में खिचड़ी लाता है तो उसको रिप्लेस करने का भी बंदोबस्त है। इसमें कई विभाग और संस्थाएं मदद कर रही हैं। मसलन खादी विभाग, नगर निगम, जेल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आदि अपनी ओर से ऐसे झोले या कागज के ठोंगे तैयार करवाएं गए हैं। इनको संबधित विभाग, संस्था, मंदिर के स्वयंसेवक या अन्य संगठनों के लोग उन श्रद्धालुओं को मुहैया कराते हैं जो गुरु गोरक्षनाथ को चढ़ाने के लिए पॉलीथिन में खिचड़ी लाए हैं। कुल मिलाकर गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर पूरी तरह से प्लास्टिक थैली मुक्त क्षेत्र है। 14 जनवरी (खिचड़ी/मकर संक्रांति) से माह भर तक मंदिर परिसर में यहां खिचड़ी का मेला लगता है।

पर्यावरण का भी सम्मान होगा। इसकी शुरूआत हो चुकी है। मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालु कपड़े और कागज से बने थैलों में खिचड़ी ले कर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्रद्धालुओं से पहले से ही अपील कर चुके हैं कि मेले के दौरान गुरु गोरखनाथ को चढ़ाने वाली खिचड़ी (चावल-दाल आदि) पॉलीथिन की पन्नी की बजाय कपड़े के झोले या कागज के थैले या ठोंगे में लाएं। जिसके चलते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु अबकी आस्था के साथ पर्यावरण का सम्मान करते हुए कपड़े और कागज से बने थैले में खिचड़ी लेकर पहुंच रहे हैं।


आदित्यनाथ का प्रेम जगजाहिर है। मंदिर परिसर में बहुत पहले से पॉलीथिन का प्रयोग वर्जित है। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस पर रोक भी लगायी थी। पॉलीथिन से होने वाले गोवंश, नालों और नदियों पर होने वाले दुष्प्रभावों की वे अक्सर चर्चा भी करते हैं। उनके कार्यकाल में विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) से हर साल चलने वाले वन महोत्सव के दौरान रिकॉर्ड संख्या में पौधरोपड़ उनके पर्यावरण प्रेम का सबूत है।

मंदिर परिसर में मकर संक्रांति के दिन से माह भर तक चलने वाला खिचड़ी मेला यहां का प्रमुख आयोजन है। इसका शुमार उत्तर भारत के बड़े आयोजनों में होता हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, नेपाल और अन्य जगहों से लाखों लोग गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने वहां जाते हैं। बतौर पीठाधीश्वर पहली खिचड़ी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चढ़ाते हैं। इसके बाद नेपाल नरेश की ओर से भेजी गई खिचड़ी चढ़ती हैं। इसके बाद बारी आम लोगों की आती है। फिर क्या गुरु गोरखनाथ के जयकारे के बीच खिचड़ी की बरसात ही हो जाती है। बाबा गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की यह परंपरा सदियों पुरानी है।

–आईएएनएस

वीकेटी/एएनएम

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)