खो-खो को एशियाई खेलों में लाने का प्रयास करेंगे : रिजिजू

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 नई दिल्ली, 11 दिसम्बर (आईएएनएस)| भारत के खेल एवं युवा मामले के मंत्री किरण रिजिजू ने नेपाल में आयोजित हुए दक्षिण एशियाई महासंघ खेलों में भारत की खो-खो टीम के स्वर्ण जीतने की तारीफ की है और कहा है कि वह खो-खो को एशियाई खेलों में लाने की कोशिश करेंगे।

  रिजिजू ने बुधवार को फिक्की द्वारा आयोजित नौवें वैश्विक खेल समिट ‘टर्फ’ में यह बात कही।


रिजिजू ने कहा, “हमारी खो-खो की महिला एवं पुरुष टीम ने काठमांडू में स्वर्ण पदक जीते। वे भारत लौटकर आए तो मुझे उनसे मिलने का मौका मिला। वे काफी उत्साहित थे। मैंने उनसे कहा कि आप चिंता न करें, यह खेल बेशक ओलम्पिक और एशियाई खेलों में नहीं है, लेकिन हमारी इच्छा है और हम कोशिश करेंगे कि खो-खो को एशियाई खेलों में शामिल किया जाए, जैसा कि हमारा लक्ष्य कबड्डी को ओलम्पिक में शामिल कराने का है।”

रिजिजू ने दक्षिण एशियाई महासंघ खेलों में भारत के बेहतरीन प्रदर्शन पर बधाई भी दी है और साथ ही भरोसा जताया है कि भारत के पास मौजूदा दौर में ऐसी प्रतिभाएं हैं, जिनके दम पर वह टोक्यो ओलम्पिक-2020 में अभी तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकता है।

दक्षिण एशियाई खेलों में भारत ने इस साल 312 पदक अपने नाम किए हैं, जो उसका इन खेलों में अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले भारत ने 2016 में गुवाहाटी में आयोजित इन खेलों में 240 पदक अपने नाम किए थे।


उन्होंने कहा, “मैं दक्षिण एशियाई खेलों में 312 पदक जीतने पर भारतीय टीम को बधाई देता हूं। मैं जल्द ही उनसे मिलूंगा। अगर बीते छह महीने देखे जाएं तो हमने लगभग हर विश्व स्तर के टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है, चाहे वो मुक्केबाजी विश्व चैम्पियनशिप हो या कुश्ती विश्व चैम्पियनशिप। लेकिन मैं भारत को और आगे शीर्ष पर देखना चाहता हूं।”

मंत्री ने कहा, “हमारा अभी तात्कालिक लक्ष्य टोक्यो ओलम्पिक-2020 में मौजूदा प्रतिभाओं के साथ बेहतर प्रदर्शन करना है। हम रातों-रात चैम्पियन पैदा नहीं कर सकते। यह लंबी प्रक्रिया है, जिसमें कई चीजें शामिल हैं, जिनको साथ आना है। लेकिन हमारे पास अभी मौजूदा प्रतिभाएं बेहद अच्छी हैं। हमें इनका सदुपयोग करना होगा। इसलिए मुझे लगता है कि टोक्यो ओलम्पिक में भारत के पास अपना ओलम्पिक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने का मौका है। मुझे उम्मीद है, लेकिन हमारी कुछ सीमाएं भी हैं।”

रिजिजू ने कहा कि भारत के पास 2024 और 2028 में होने वाले ओलम्पिक की तैयारी के लिए पर्याप्य समय है।

उन्होंने कहा, “पेरिस ओलम्पिक-2024 और लांस एंजेल्स ओलम्पिक-2028 में हमारे पास और बेहतर करने का मौका होगा। यह अभी आठ साल दूर है, अगर हम उस चीज के लिए तैयार नहीं कर सकते जो आठ साल दूर है तो हमें सिर्फ अपने आप को ही दोषी ठहराना होगा। जो समय हमारे हाथ में उसमें हमें यह साबित करना होगा कि भारत वो देश नहीं है जिसे ओलम्पिक में गंभीरता से नहीं लिया जा सकता। अगर ओलम्पिक में हमें कुछ पदक नहीं मिलते हैं तो खेल मंत्री के तौर पर मैं बेहद निराश होऊंगा।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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