किसान, पीएसयू और महिला सुरक्षा पर आंदोलन करेगी कांग्रेस

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नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस ने आने वाले हफ्तों में आर्थिक नीति, किसानों और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। पार्टी ने अपनी राज्य इकाइयों से देशभर में हर राज्य में रैलियों का आयोजन करने को कहा है।

कांग्रेस ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की किसान-विरोधी, महिला-विरोधी, मजदूर-विरोधी और गरीब-विरोधी नीतियों और कार्यों को लेकर पार्टी की भविष्य की रणनीति पर फैसला लिया गया है।


रविवार को पार्टी द्वारा जारी एक आंतरिक परिपत्र में, के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, “31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती और इंदिरा गांधी की शहादत दिवस को ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।”

किसान विरोधी और मजदूर विरोधी कानूनों के खिलाफ पार्टी सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच 31 अक्टूबर को हर जिला मुख्यालय में सत्याग्रह और उपवास करेगी।

5 नवंबर को, पार्टी महिला और दलित उत्पीड़न विरोधी दिवस मनाएगी। इस दिन, राज्य स्तर पर धरने प्रत्येक राज्य मुख्यालय पर सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच आयोजित किए जाएंगे, जिसमें दलितों के खिलाफ देश भर में लगातार हो रहे अत्याचारों को उजागर किया जाएगा जिसमें हाथरस पीड़िता और उसके परिवार पर अत्याचार भी शामिल है।


14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के साथ इस साल पड़ रही दिवाली के दिन ‘नेहरूवादी विचारधारा और राष्ट्र निर्माण’ विषयक संगोष्ठी 13 नवंबर को प्रत्येक राज्य मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। इस संगोष्ठी में, आधुनिक समाज की नींव रखने वाले समग्र समाज और संस्थानों के निर्माण में नेहरूवादी विचारधारा के योगदान पर चर्चा की जाएगी।

वेणुगोपाल ने कहा, “इसके अलावा, 14 नवंबर, 2020 को पं. नेहरू द्वारा निर्मित आत्मनिर्भर-भारत विषय पर प्रकाश डालते हुए ‘स्पीकअपफॉरपीएसयू’ शीर्षक से एक विशाल ऑनलाइन अभियान शुरू किया जाएगा।”

पार्टी हर राज्य में कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ महीने भर के बड़े हस्ताक्षर अभियान को तेज करेगी। महासचिवों और प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे जमीनी स्तर पर हस्ताक्षर अभियान की निगरानी करें।

सोनिया गांधी ने रविवार को नए नियुक्त राज्य प्रभारियों के साथ बातचीत के दौरान केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि लोकतंत्र कठिन दौर से गुजर रहा है।

सोनिया ने जोर देकर कहा कि यह जिम्मेदारी अब और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि “हमारा लोकतंत्र अपने सबसे अधिक उथल-पुथल वाले समय से गुजर रहा है।”

उन्होंने कहा कि हमारे संविधान और हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं पर हमला हुआ है। हमारा देश एक ऐसी सरकार द्वारा शासित है, जो मुट्ठी भर करीबी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए हमारे नागरिकों के हितों को अनदेखा कर रहा है।

–आईएएनएस

वीएवी-एसकेपी

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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