किसान रेल से रफ्तार भरेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की गाड़ी!

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नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)| देश के किसानों को अब वाजिब दाम नहीं मिलने के कारण सड़कों पर टमाटर फेंकने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि खराब होने वाले कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए सरकार जल्द ही किसान रेल चलाने चलाने जा रही है। कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी कहते हैं कि किसानों को उनकी फसलों का वाजिब व लाभकारी दाम मिलेगा तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी।

कैलाश चौधरी ने कहा, “किसान रेल से कृषि उत्पादों के परिवहन की समस्या का समाधान होगा, इससे उन्हें फसलों का अच्छा दाम मिल पाएगा।”


किसानों को फसलों का वाजिब दाम मिलने से उनकी आमदनी में इजाफा होगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

खेती को लाभकारी बनाने और किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में आम बजट में किसान रेल चलाने के साथ-साथ कृषि उड़ान की घोषणा की।

किसान रेल में रेफ्रिजेटर युक्त बोगियां होंगी जिससे फल और हरी सब्जियां, दूध, मछली व अन्य कृषि उत्पाद खराब नहीं होंगे और उत्पादक क्षेत्र से बड़े शहरों के उपभोक्ता बाजार तक उनका परिवहन सुगम होगा। किसानों को इससे उनकी फसलों का उचित भाव मिल पाएगा।


वित्तमंत्री की इस घोषणा के साथ किसान रेल चलाने की दिशा में रेलवे की तैयारी भी शुरू हो गई है। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए रेफ्रिजरेटर युक्त रेल बोगियों की खरीद और बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की दिशा में काम शुरू हो गया है।

बताया जा रहा है कि किसान रेल चलाने के लिए रेल मंत्रालय ने रेफ्रिजरेटर युक्त बोगियों की फ्लीट खरीदी है। पंजाब के कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री से खरीदी गई इस फ्लीट में रेफ्रिजरेटर युक्त नौ बोगियां हैं।

किसान रेल और कृषि उड़ान से किसानों को कितना फायदा, होगा इस सवाल पर कृषि अर्थशास्त्री विजय सरदाना कहते हैं कि सरकार का यह प्रयास सराहनीय है और इससे किसानों को फायदा अवश्य होगा, हालांकि देशभर में इसके लिए ढांचागत बुनियादी सुविधाएं तैयार करने में वक्त लगेगा।

सरदाना ने कहा, “इसके लिए रेलवे और एयरपोर्ट का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ-साथ किसानों को भी तैयार करना होगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स सिस्टम खेत से लेकर एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन तक तैयार करना होगा, तभी यह सफल हो पाएगा, लेकिन यह प्रयास अच्छा है।”

उन्होंने कहा, “जलगांव से दिल्ली केले की ट्रेन पहले से ही आती है। इसी प्रकार, किसी क्षेत्र विशेष में एक या दो फसल ऐसी लगानी होगी जिससे पूरी ट्रेन भर जाए, इसके लिए किसानों को तैयार करना होगा।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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