किसानों को अब 31 अगस्त तक कर्ज चुकाने पर मिलेगी ब्याज पर छूट

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नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। खेती और उससे जुड़े काम के लिए अल्पकालिक ऋण लेने वाले किसानों को राहत देते हुए सरकार ने कर्ज चुकाने की अंतिम समयसीमा बढ़ाकर 31 अगस्त तय कर दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि और उससे संबधित गतिविधियों के लिए बैंक से तीन लाख रुपए तक की अल्पकालिक ऋणों को चुकाए जाने की समय सीमा बढ़ाने को सोमवार को मंजूरी दे दी।


यह रियायत 1 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 के बीच चुकाए जाने वाले ऋणों के लिए दी गई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी मीडिया को देते हुए कहा कि अल्पकालिक ऋण अब 31 अगस्त 2020 तक चुकाए जा सकते हैं और इन पर बैंको को मिलने वाली वाली दो फीसदी की ब्याज छूट तथा किसानों को समय रहते ऋण चुकाने पर मिलने वाली तीन प्रतिशत की छूट सुविधा मिलेगी।

इस फैसले के बाद अब बैंकों से कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए दिए गए तीन लाख रुपये तक मानक अल्पकालिक कर्ज किसान ने अगर लिया है और उसके भुगतान की अवधि एक मार्च 2020 और 31 अगस्त 2020 के बीच है तो किसान अगर 31 अगस्त 2020 तक भुगतान करता है तो उसको चार प्रतिशत की सालाना ब्याज दर से भुगतान करना है।

इसके तहत बैंकों के लिए दो फीसदी ब्याज सब्सिडी (आईएस) और किसानों के लिए तीन फीसदी पीआरआई का निरंतर लाभ मिलता रहेगा। यही नहीं, इससे किसानों को कोविड-19 महामारी के मौजूदा समय में इस सुविधा का लाभ लेने के लिए बार-बार बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।


बता दें कि सरकार बैंकों के माध्यम से किसानों को अल्पकालिक कृषि ऋण उपलब्ध कराती है। इन ऋणों पर बैंकों को दो फीसदी ब्याज में छूट दी जाती है। समय रहते ऋण चुकाने पर किसानों को तीन फीसदी की अतिरिक्त छूट मिलती है। इस प्रकार से किसानों को तीन लाख तक का कर्ज समय रहते चुकाने पर सालाना चार प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण की सुविधा मिलती है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार, “कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से लोगों की आवाजाही पर कई तरह की पाबंदिया लगाई गई हैं जिसकी वजह से अल्पकालिक ऋण चुकाने के लिए कई किसान बैंक तक नहीं जा पा रहे हैं। इसके अतिरिक्त समय पर उत्पादों की बिक्री नहीं हो पाने, बिक्री के भुगतान की रसीद नहीं मिल पाने तथा सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन किए जाने की वजह से किसानों के लिए बैंक में जमा की जाने वाली ऋण की रकम जुटाने में दिक्कत आ रही है।”

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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