नई दिल्ली, 12 अप्रैल (आईएएनएस)| आईएएनएस सी-वोटर कोविड ट्रैकर इंडेक्स ऑफ पैनिक के अनुसार, लॉकडाउन की अवधि बढ़ने की तेज हो रही अटकलों के बीच कम आय वर्ग के मात्र 3.5 फीसदी लोगों ने ही आवश्यक सामानों का पर्याप्त स्टॉक एकत्र किया है, जिससे कि तीन सप्ताह तक उन्हें किसी चीज की आवश्यकता नहीं होगी।
सामाजिक-आर्थिक समूह के 74.8 प्रतिशत लोगों ने तीन सप्ताह से कम समय तक के लिए आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक किया है। इसमें से मात्र 36.1 प्रतिशत लोगों के पास एक सप्ताह का राशन और दवाइयां थीं, जबकि 14.4 प्रतिशत लोगों के पास एक सप्ताह से भी कम समय तक के लिए आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक था। वहीं 24.3 प्रतिशत लोगों के पास दो सप्ताह के लिए और 3.5 प्रतिशत लोगों के तीन सप्ताह तक के लिए आवश्यक वस्तुएं हैं।
हालांकि कम आय वर्ग के करीब 25.2 प्रतिशत लोगों ने तीन सप्ताह से भी अधिक समय के लिए आवश्यक सामानों को एकत्र कर लिया है।
वहीं दूसरी ओर अधिक आय वर्ग वाले लोगों के पास राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान जीवन यापन करने का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। इस वर्ग के 62.1 प्रतिशत लोगों के पास तीन सप्ताह से अधिक का स्टॉक है।
दिलचस्प बात तो यह है कि वरिष्ठ नागरिकों ने इस संकट भरी परिस्थितियों में अपने लिए पर्याप्त सामान एकत्र कर लिया है। हालांकि यह ठीक भी है, क्योंकि इस आयु वर्ग के लोग कोविड-19 के लिए अधिक संवेदनशील हैं।
वहीं पुरुषों की तुलना में महिलाएं आवश्यक वस्तुओं को एकत्र करने में बेहतर हैं, हालांकि उनके बीच यह अंतर मामूली है।
आईएएनएस सी-वोटर कोविड ट्रैकर इंडेक्स ऑफ पैनिक ने 4 से 6 अप्रैल के बीच किए अपने सर्वेक्षण में लॉकडाउन को लेकर लोगों की तैयारियों के स्तर के बारे में जानकारी दी है।
यह सर्वेक्षण और अनुमान सीएटीआई पर एक डेली ट्रैकिंग पोल पर आधारित हैं, जिसे देशभर में 18 से अधिक उम्र के वयस्कों के बीच पिछले सात दिनों के दौरान कराया गया था।
ट्रैकिंग पोल फील्डवर्क ने रिलीज की तारीख से पहले सात दिनों के दौरान नमूनों को कवर किया है। रिलीज आंकड़ें 1,114 नमूनों पर आधारित हैं।