मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश में उपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कमल नाथ ने उन्हें 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप-चुनाव के लिए कांग्रेस की स्टार प्रचारक की सूची से हटाने के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती दी है।
वकील वरुण के. चोपड़ा के माध्यम से दायर याचिका में कमल नाथ ने कहा है कि चुनाव आयोग ने 21 अक्टूबर को उन्हें एक नोटिस जारी किया था, जिसमें 18 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा एक शिकायत पर एक आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया था।
याचिका में कहा गया है, याचिकाकर्ता ने 22 अक्टूबर को अपना जवाब दाखिल किया। इसके बाद, उत्तरदाता नंबर-1 (चुनाव आयोग) ने भी आदेश याचिका दिनांक 26 अक्टूबर 2020 को पारित करने से पहले याचिकाकर्ता को एक सुनवाई का मौका दिया था और याचिकाकर्ता को प्रचार अभियान के दौरान आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग न करने की सलाह दी गई थी।
इससे पहले, भाजपा नेता इमरती देवी के बारे में की गई नाथ की टिप्पणी से काफी विवाद पैदा हो गया था। उन्होंने उन्हें कथित तौर पर आइटम कहा था, जिससे विवाद छिड़ गया था।
नाथ ने दलील दी है कि चुनाव आयोग ने उन्हें बिना किसी नोटिस या मामले की सुनवाई के आदेश पारित किया है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह दलील दी गई कि यह आदेश गैरकानूनी, मनमाना, अनुचित है, जो प्राकृतिक न्याय के बुनियादी नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। उन्होंने इस आदेश को खारिज किए जाने की मांग की।
गौरतलब है कि शुक्रवार को भारत चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया था। आयोग ने यह फैसला कमल नाथ के खिलाफ आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने के आरोप लगने के बाद लिया था।
इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ अदालत का रुख करने का फैसला किया था।
मध्यप्रदेश में 3 नवंबर को 28 विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव होने जा रहे हैं।
–आईएएनएस