कमलनाथ अचानक दिल्ली से भोपाल लौटे

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भोपाल/नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में एक बार फिर नई सियासत की सुगबुगाहट तेज हो गई है और इसी के चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ को दिल्ली से अपना दौरा बीच में ही खत्म कर भोपाल लौटना पड़ा है। इसके साथ ही सभी विधायकों और मंत्रियों को भोपाल तलब किया गया है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्रियों और विधायकों के मोबाइल फोन बंद होने से सरकार के भविष्य को लेकर सवाल बना हुआ है। मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार रात को दिल्ली प्रवास पर रवाना हुए थे और उनको 12 मार्च को भोपाल लौटना था। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की, राज्य की राजनीति के हालात पर चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री दिल्ली में थे, इसी दौरान सिंधिया समर्थक मंत्रियों और विधायकों के दिल्ली में होने की खबरें सुर्खियां बनीं और उन सभी के फोन बंद होने ने पार्टी के लोगों की धड़कनें बढ़ा दी। सिंधिया समर्थकों के दिल्ली में होने और फोन बंद होने को नई सियासत की सुगबुगाहट मानते हुए मुख्यमंत्री भोपाल लौट आए। वहीं मंत्रियों और विधायकों को भोपाल बुलाया गया है।


राज्य में बीते एक सप्ताह से कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की कोशिशों का शोर है। सरकार को समर्थन देने वाले 10 विधायक भी लापता हुए थे, जिनमें से आठ लौट आए हैं, इसी बीच सिंधिया समर्थक एक दर्जन से ज्यादा विधायकों के दिल्ली पहुंचने की खबरें आई हैं। इन सभी विधायकों के फोन भी बंद हैं।

राज्य की रिक्त हो रही तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है और नामांकन भरे जाने की अंतिम तारीख 13 मार्च है। कांग्रेस के खाते में तीन में से दो सीटों के आने की संभावना बनी हुई है, इसी के चलते कांग्रेस में उम्मीदवारों के नामों को लेकर मंथन चल रहा है। राज्य से कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह को बड़ा दावेदार माना जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायक चाहते हैं कि सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने के साथ प्रदेश अध्यक्ष की भी कमान सौंपी जाए।


 

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